अन्तर्राष्ट्रीय
ओबामा ने भारतवंशी को प्रमुख पद पर नियुक्त किया
वाशिंगटन| राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारतीय मूल के एक अन्य अमेरिकी नागरिक को देश के एक अहम पद पर नियुक्त किया है। राष्ट्रीय व सामुदायिक सेवा के निदेशक मंडल के सदस्य के रूप में शमीना सिंह को नियुक्त किया गया है, जिनका कार्यकाल अक्टूबर 2019 में खत्म होगा। व्हाइट हाउस की सोमवार की एक घोषणा के मुताबिक, इस पद पर सिंह की नियुक्ति को मंजूरी के लिए उनका नाम सीनेट को भेज दिया गया है। इससे पहले शमीना मास्टर कार्ड में कार्यरत थीं। वह साल 2013 में मास्टर कार्ड में सरकारी सेवा व समाधान के लिए वैश्विक निदेशक के रूप में शामिल हुई थीं, जहां उन्होंने सामाजिक सब्सिडी कार्यक्रमों को डिजिटाइज करने के लिए मास्टर कार्ड की कारोबारी क्षमता को 40 देशों तक विस्तारित किया।
मास्टर कार्ड में शामिल होने से पहले उन्होंने नाइक कंपनी के लिए सरकारी व सार्वजनिक मामलों का नेतृत्व किया और पांच साल तक सिटीग्रुप के ग्लोबल कम्युनिटी डेवलपमेंट ग्रुप में रहीं। क्लिंटन प्रशासन तथा अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में वह 15 वर्षो तक कई वरिष्ठ पदों पर रहीं। शमीना ने ऑस्टिन स्थित टेक्सास विश्वविद्याल के लंदन बी.जॉनसन स्कूल फॉर पब्लिक अफेयर्स से पब्लिक पॉलिसी में स्नातक की उपाधि हासिल की है।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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