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अन्तर्राष्ट्रीय

ओबामा और पुतिन ने की यूक्रेन, सीरिया पर चर्चा

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वाशिंगटन| रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को अपने अमेरिकी समकक्ष बराक ओबामा को फोन कर ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर वार्ता, सीरिया व यूक्रेन के हालात और इस्लामिक स्टेट (आईएस) के खिलाफ कठोर कदम की आवश्यकता जैसे मुद्दों पर चर्चा की। व्हाइट हाउस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, “दोनों नेताओं ने सीरिया में खराब होते हालात पर चर्चा की और ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने के लिए उसके साथ पी5+1 (अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, चीन और जर्मनी) समूह के देशों की वार्ता के महत्व को रेखांकित किया।”

 

बयान के अनुसार, ओबामा और पुतिन ने यूक्रेन संघर्ष पर भी चर्चा की, जहां रूस पश्चिम समर्थक यूक्रेन सरकार के खिलाफ देश के पूर्वी हिस्से में उठे अलगाववादियों के विद्रोह को समर्थन दे रहा है।

समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, बयान में कहा गया है, “राष्ट्रपति ओबामा ने दोहराया कि रूस को मिंस्क समझौते के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करना चाहिए, जिसमें यूक्रेन के भूभाग से रूसी सैनिकों और हथियारों को हटाने की बात भी शामिल है।”

यूक्रेन संघर्ष और सीरिया में गृह युद्ध को लेकर अमेरिका और रूस के बीच मतभेद के कारण दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच पिछले कुछ समय से दूरी देखी जा रही है। दोनों नेताओं की इस साल फरवरी से कोई बातचीत नहीं हुई थी, जब ओबामा ने पुतिन को फोन किया था।

व्हाइट हाउस से जारी बयान के अनुसार, पुतिन और ओबामा ने आईएस के खिलाफ कार्रवाई तेज करने की आवश्यकता जताई।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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