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अन्तर्राष्ट्रीय

ऑस्ट्रेलिया में रोजगारों का सृजन करेगी भारतीय कंपनी

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सिडनी| भारत के ग्वोबल विंड पावर लिमिटेड ने ऑस्ट्रेलिया के हेलियोस्टैट के साथ हाथ मिलाया है, जिससे दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में रोजगार के सैकड़ों मौके पैदा होंगे। समाचार चैनल एबीसी न्यूज की एक रपट के मुताबिक, हेलियोस्टैट साउथ ऑस्ट्रेलिया सौर ऊर्जा उत्पादों का निर्माण करेगी। इसके लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया है।

हेलियोस्टैट के कार्यकारी अध्यक्ष डेरिन स्पिंक्स के हवाले से कहा गया कि परियोजना चार साल से अधिक समय की होगी, जिसमें प्रारंभिक दौर में स्थानीय तौर पर रोजगार के 150 मौके पैदा होंगे, जो बढ़कर एक हजार तक पहुंच जाएंगे।

उन्होंने कहा कि श्रम संबंधित अधिकांश कार्य भारत में ही होगा, लेकिन प्रबंधक व इंजीनियर कार्यो का संचालन एडिलेड से करेंगे।

स्पिंक्स ने कहा, “आपको स्मरण होगा कि भारत ने मेक-इन-इंडिया अभियान चलाया है, यह सुनिश्चित करने के लिए कि भारत में भी रोजगार के मौके पैदा हों।”

दक्षिण ऑस्ट्रेलिया बेरोजगारी की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। इस परियोजना से न सिर्फ रोजगार को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि एक नए उद्योग के निर्माण में भी मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा, “हमें एक नए उद्योग के निर्माण की जरूरत है। और लोग यही सवाल करते हैं कि वह नया उद्योग क्या हो? और हमें विश्वास है कि सौर ऊर्जा उद्योग इसमें बड़ी भूमिका निभाएगा।”

 

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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