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अन्तर्राष्ट्रीय

ऑस्ट्रेलिया : प्रधानमंत्री ने जनता से किया धर्य रखने का आग्रह

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केनबरा| ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री टोनी एबट ने सिडनी के एक कैफे में सोमवार सुबह अज्ञात बंदूकधारी द्वारा 12 लाोगों को बंधक बनाए जाने की घटना पर जनता से शांति बनाए रखने और धीरज से काम लेने के लिए कहा है। एबट ने कहा, “न्यू साउथ वेल्स (एनएसडब्ल्यू) पुलिस और ऑस्ट्रेलियन फेडेरल पुलिस सिडनी के मार्टिन प्लेस में बंधकों को बचाने की कोशिशों में जुटे हैं।”

एबट ने कहा, “मैंने एनएसडब्ल्यू प्रमुख माइक र्बर्ड से बात की है और उन्हें पूरा संभावित समर्थन और सहयोग देने की बात कही है।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “मंत्रिमंडल की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति को भी स्थिति पर चर्चा के लिए बुलाया गया है।”

उन्होंने कहा, “यह एक गंभीर और चिंताजनक स्थिति है, लेकिन सभी ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों को मालूम होना चाहिए कि हमारी कानून व्यवस्था और सुरक्षा एजेंसियां प्रशिक्षित और सुविधाओं से लैस हैं और मुश्किल हालात से पेशेवर तरीके से निबट रही हैं।”

एबट ने यह भी कहा कि संघ सरकार लोगों को स्थिति के बारे में जानकारियां देती रहेगी।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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