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सपा में फिलहाल सीजफायर, दिवाली बाद फिर फूट सकते हैं बम!

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samajwadi-party-war-leadमोहित दुबे
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के यादवों के बीच एक महीने से अधिक समय तक जनता के सामने चली लड़ाई के बाद फिलहाल सीजफायर यानी युद्धविराम घोषित हो चुका है, लेकिन इस बात की पूरी आशंका है कि दिवाली के बाद चिंगारी फिर भडक़ उठे।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग लेने में, फाइलों पर हस्ताक्षर करने में और बैठकों की अध्यक्षता करने में व्यस्त हैं। उनके चाचा और प्रदेश के पार्टी प्रमुख शिवपाल सिंह यादव पुराने समाजवादी साथियों को जो अलग थलग पड़े थे, उनके साथ नेटवर्क तैयार करने और सत्तारूढ़ पार्टी को सजाने-संवारने में लगे हुए हैं। उनकी मंशा बिहार की तर्ज पर महागठबंधन करने की है।

पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के आदेश पर शिवपाल हाल ही में दिल्ली गए और समाजवादी आंदोलन के कुछ पुराने क्षत्रपों से मिले। मेल-मिलाप का कारण तो पांच नवंबर को समाजवादी पार्टी के 25 वर्ष पूरे होने पर आयोजित रजत जयंती समारोह में उन्हें आमंत्रित करना था, लेकिन जानकार सूत्रों का कहना है कि असल मकसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी भाजपा को किस तरह हराया जाए, इसकी रणनीति तैयार करना था।

शिवपाल खुलेआम मुलायम सिंह से मुख्यमंत्री बनने का आग्रह कर रहे हैं और चाहते हैं कि वर्ष 2017 का उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव मुलायम के नेतृत्व में लड़ा जाए और एकजुट होकर ‘जनता परिवार’ बनाया जाए। सपा के रजत जयंती समारोह में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश मार, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद और राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष अजित सिंह को निमंत्रण भेजा जा रहा है।

मुलायम के एक सहयोगी ने बताया कि सपा प्रमुख ने यह महसूस किया है कि पार्टी के अंदर इतनी गुटबाजी के बाद अब चुनाव के बाद अखिलेश यादव के नेतृत्व में सत्ता में लौटना आसान नहीं होगा। मुलायम सिंह ने अपने चचेरे भाई रामगोपाल यादव पर महागठबंधन न होने देने का दोषी करार दिया है और शिवपाल यादव ने कहा है कि रामगोपाल ने यह भारतीय जनता पार्टी के साथ सांठगांठ करके किया।

कभी पुराने प्रतिद्वंद्वी रहे लालू प्रसाद अब मुलायम सिंह परिवार के रिश्तेदार हैं। उन्होंने घोषणा की है कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश चुनाव में अपने प्रत्याशी नहीं उतारेगी। शुरू में ना-नुकुर करने के बाद अखिलेश यादव ने पांच नवंबर के कार्यक्रम में भाग लेने की स्वीकृति दे दी है।

एक अमेरिकी विशेषज्ञों की टीम द्वारा तैयार किए गए दो वीडियो प्रसारित भी हो चुके हैं, जिनमें अखिलेश यादव की छवि परिवार को चाहने वाले और राज्य के मेहनती मुख्यमंत्री के रूप में दिखाने की कोशिश की गई है। संयोग से इन दोनों वीडियो में न तो इनके पिताजी और न ही चाचा को दिखाया गया है।

अखिलेश के अधिकांश समर्थकों को पार्टी से निकाल दिया गया है, वे अब भी अखिलेश को जनता की पहली पसंद बताने में लगे हुए हैं। अखिलेश और उनके समर्थक मुलायम के लंबे समय से विश्वासपात्र अमर सिंह को पार्टी से निकालने की मांग कर रहे हैं। वे यह भी मांग कर रहे हैं कि रामगोपाल यादव और विधान परिषद के युवा सदस्यों का निष्कासन वापस लिया जाए।

शिवपाल यादव ने अयोध्या के विधायक और वन राज्यमंत्री तेज नारायण उर्फ पवन पांडेय को पार्टी से निकाल दिया है। इसके बावजूद अखिलेश यादव ने अपने इस समर्थक को मंत्रिमंडल में बनाए रखा है। राजनीतिक विश्लेषक दिवाली खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं। सत्तारूढ़ पार्टी के इस प्रथम परिवार और नेताओं के अंदर इतने अधिक ‘विस्फोटक’ जमा हैं कि दिवाली के बाद किसी बड़े विस्फोट से इनकार नहीं किया जा सकता।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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