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एफटीआईआई छात्रों ने मांगा निहलानी का इस्तीफा

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पुणे। भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के छात्रों ने सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार का ‘प्रचार मशीन’ करार देते हुए उनके इस्तीफे की मांग की। छात्रों की ओर से यह मांग निहलानी के यह कहे जाने के बाद आया है कि वह जल्द ही सबूतों के साथ एफटीआईआई के छात्रों के ‘राष्ट्र विरोधी’ होने का खुलासा करेंगे।

छात्रों ने करीब 20 दिन पहले ही एफटीआईआई के अध्यक्ष पद पर गजेंद्र सिंह चौहान की नियुक्ति के विरोध में अपनी करीब तीन माह पुरानी हड़ताल वापस ली। हालांकि उन्होंने इसका विरोध जारी रखने की बात कही है। छात्रों ने सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से निहलानी को पद से हटाने की मांग करते हुए कहा, “इस देश में हमारा संस्थान और सिनेमा की संस्कृति गलत हाथों में है। हम फिल्मजगत से जुड़े लोगों से विनम्रतापूर्वक निवेदन करते हैं कि वह इस मुद्दे को उठाएं और ऐसे स्वेच्छाचारियों से भारतीय सिनेमा की रक्षा करें।”

छात्रों ने मीडिया में जारी एक बयान में कहा है, “चूंकि वह (निहलानी) सरकार के प्रतिनिधि हैं, इसलिए हम राज्यवर्धन से आग्रह करते हैं कि वह एफटीआईआई के छात्रों को ‘राष्ट्र विरोधी’ कहने वाले निहलानी से इस्तीफा लें।” सीबीएफसी अध्यक्ष निहलानी नवनियुक्त एफटीआईआई सोसाइटी का हिस्सा भी हैं। छात्रों ने उन्हें दोनों पदों से हटाने की मांग की।

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सीएम योगी का सपा पर निशाना, कहा- इनके शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे

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उन्नाव। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को उन्नाव में एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस और सपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सपा-कांग्रेस का इतिहास प्रभु श्रीराम का विरोध करने वाला रहा है। कांग्रेस कहती थी कि प्रभु राम का अस्तित्व ही नहीं है। वहीं, दूसरी तरफ सपा कहती थी कि अयोध्या में एक भी परिंदा पर नहीं मार सकता है, यह इनका दोहरा चरित्र है। सपा के शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे।

सीम योगी ने कहा कि इन लोगों ने अयोध्या, रामपुर में सीआरपीएफ कैंप, काशी में संकटमोचन मंदिर, लखनऊ, अयोध्या और वाराणसी की कचहरी पर हमला करने वाले आतंकियों के मुकदमे वापस लेने का प्रयास किया था। जिस पर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि आप इनके मुकदमे वापस लेने की बात कह रहे हैं और कल इन्हें पद्म पुरस्कार से नवाजेंगे।”

उन्होंने कहा कि अयोध्या में जहां एक ओर रामलला विराजमान हो गए हैं। वहीं, दूसरी ओर बड़े-बड़े माफिया की ‘राम नाम सत्य’ हो रही है। इंडिया गठबंधन पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि इनके मेनिफेस्टो में अल्पसंख्यकों को खाने-पीने की पूरी स्वतंत्रता देने की बात कही गई है। यह जनता को नहीं बता रहे हैं कि ऐसा कौन सा खान-पान है जो बहुसंख्यक समाज नापसंद करता है। बहुसंख्यक समाज गोमाता की पूजा करता है और वह गोकशी को बर्दाश्त नहीं कर सकता है।

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