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बिजनेस

एप्पल ने भारतीय मूल के उद्यमियों की स्वास्थ्य कंपनी को खरीदा

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एप्पल

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एप्पलन्यूयॉर्क| डिजिटल स्वास्थ्य क्षेत्र में अपने दखल को आगे बढ़ाते हुए दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनी एप्पल ने भारतीय मूल के दो उद्यमियों द्वारा बनाए गए स्वास्थ्य से संबंधित आंकड़ों का रिकार्ड रखने वाले स्टार्टअप ‘ग्लिंप्स’ का खामोशी से अधिग्रहण कर लिया है। मीडिया की खबरों के अनुसार यह अधिग्रहण हाल में किया गया है लेकिन अभी तक सार्वजनिक तौर पर इसका ऐलान नहीं किया गया है।

एप्पल के प्रवक्ता ने अब अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है, “समय-समय पर एप्पल छोटी प्रौद्योगिकी कंपनियों को खरीदता रहा है। हम सामान्यतया अपने उद्देश्यों और योजनाओं के बारे में चर्चा नहीं करते हैं।”

अनिल सेठी और कार्तिक हरिहरन द्वारा साल 2013 में शुरू किए गया ‘ग्लिंप्स’ ग्राहकों को मेडिकल रिकॉर्ड रखने और उससे जुड़ी जानकारी साझा करने की सुविधा प्रदान करता है।

बीते कुछ महीनों में एप्पल ने मोबाइल के जरिए मरीजों, डॉक्टरों और रिसर्च करने वालों को स्वास्थ्य से जुड़े आंकड़े उपल्बध कराने वाली छोटी कंपनियों हेल्थ किट, केयर किट और रिसर्च किट का अधिग्रहण किया है।

एप्पल ने आईफोन-6 पर हेल्थ किट एप जारी किया है जो इसके उपभोक्ताओं को स्वास्थ्य और फिटनेस से जुड़े निजी आंकड़ों का निरीक्षण करने में मदद करता है।

बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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