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एथलेटिक्स विश्व चैम्पियनशिप में पदक पर भारतीयों की नजर
बीजिंग| एथलेटिक्स विश्व चैम्पियनशिप शनिवार से यहां के ऐतिहासिक बर्ड्स नेस्ट स्टेडियम में शुरू होगा। 30 अगस्त तक चलने वाले एथलेटिक्स के इस महाकुंभ में भारत ने 17 सदस्यीय दल उतारा है और इसका हर एक सदस्य पदक जीतने की लालसा में बीजिंग पहुंचा है। एशियाई एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले शॉट पुट एथलीट इंद्रजीत सिंह और डिस्कस थ्रोअर विकास गौड़ा से भारत को खास उम्मीदें होंगी।
भारतीय दल में 10 पुरुष और सात महिलाएं हैं। भारतीय दल नौ स्पर्धाओं में हिस्सा लेगा। बर्ड्स नेस्ट स्टेडियम में ही 2008 बीजिंग ओलम्पिक की एथलेटिक्स स्पर्धाएं हुई थीं।
शॉट पुट एथलीट इंद्रजीत अभी अच्छे फार्म में हैं। इस साल उन्होंने जितने भी आयोजनों में हिस्सा लिया है, स्वर्ण जीता है। वह इस साल आठ स्वर्ण जीत चुके हैं और साथ ही रियो ओलम्पिक का भी टिकट कटा चुके हैं।
इंद्रजीत एशियाई चैम्पियनशिप और एशियाई ग्रांड प्रिक्स में विजेता बनकर उभरे और बीते महीने आयोजित वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में भी पोडियम पाने में सफल रहे।
इंचियोन एशियाई खेलों में रजत पदक जीतने वाले गौड़ा बीजिंग में भारत की सबसे बड़ी उम्मीद होंगे। वह इस सत्र में 65.14 की दूरी नापने में सफल रहे हैं लेकिन पदक जीतने के लिए उन्हें इससे बेहतर प्रदर्शन करना होगा।
भारत महिला एथलीट टिंटु लुका से भी उम्मीद लगाए हुए है। लुका 800 मीटर रेस में हिस्सा लेंगी। 26 साल की टिंटु महिलाएं की 4 गुणा 400 मीटर रिले टीम का भी सदस्य हैं।
भारत मध्यम दूरी की दौड़ में महिला एथलीटों से बेहतर प्रदर्शन की आस कर सकता है। सुधा सिंह और ओपी जैयशा (दोनों मैराथन) और ललिता बाबर (300 मीटर स्टेपलचेस तथा मैराथन) को पदक जीतने के लिए हालांकि एड़ी चोटी का जोर लगाना होगा।
पुरुष जेवलिन थ्रो में राजिंदर सिंह ने ओलम्पिक मार्क हासिल कर लिया था लेकिन वह चोटिल होने के कारण बीजिंग नहीं पहुंच सके हैं। वह इन दिनों सुधार कार्यक्रम में हैं।
वैसे विश्व चैम्पियनशिप में सबकी नजरें जमैका के एथलीट उसेन बोल्ट पर होगी, जो अपना मास्को में जीता गया खिताब बचाने का प्रयास करेंगे। बोल्ट ने इसी स्टेडियम में 2008 में 100, 200 और 4 गुणा 400 मीटर रिले में जमैका को ओलम्पिक स्वर्ण दिलाया था।
साथ ही दो बार के ओलम्पिक चैम्पियन लम्बी दूरी तथा मध्यम दूरी के एथलीट मो फाराह पर भी सबके नजरें होंगी। अपने कोच अल्बटरे सालाजार पर डोपिंग का आरोप लगने के बाद से फाराह काफी परेशान रहे हैं।
महिला एथलीटों में जमैका की ओलम्पिक चैम्पियन शेली एन फ्रेजर प्राइस पर भी सबकी नजरें होंगी। साथ ही केन्या के लम्बी तथा मध्यम दूरी के एथलीट भी सबका ध्यान खीचेंगे।
कुल मिलाकर अगले नौ दिनों तक दुनिया भर के 200 से अधिक देशों के 1500 से अधिक एथलीट अपनी श्रेष्ठता साबित करने का प्रयास करेंगे। कुछ नए चैम्पियन उभरेंगे और कुछ का तिलिस्म टूटेगा। साथ ही कुछ अपनी साख बचाने में सफल होंगे।
भारतीय दल : भारतीय दल : विकास गौड़ा (डिस्क्स थ्रो), ललिता बाबर (3000 मीटर स्टेपलचेज), इंद्रजीत सिंह (शॉटपुट), ओपी जेयशा (मैराथन), सुधा सिंह (मैराथन), गुरमीत सिंह (20 किलोमीटर पैदल चाल), बलजिंदर सिंह (20 किलोमीटर पैदल चाल), चंदन सिंह (20 किलोमीटर पैदल चाल), संदीप कुमार (50 किलोमीटर पैदल चाल), मनीष सिंह रावत (50 किलोमीटर पैदल चाल), खुशबीर कौर (20 किलोमीटर पैदल चाल), सपना (20 किलोमीटर पैदल चाल), अनु राधवन, एम. पुवम्मा राजू, देबाश्री मजूमदार, मैथ्यू जिशना और टिंटू लुका (सभी महिला रिले), टिंटू लुका (800 मीटर)।
नेशनल
पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे
श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।
अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।
अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।
नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।
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