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उप्र : सामूहिक दुष्कर्म के 3 दोषियों को 20-20 साल कारावास

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उप्र : सामूहिक दुष्कर्म के 3 दोषियों को 20-20 साल कारावास

महोबा | उत्तर प्रदेश में महोबा जिले की एक अदालत ने घुमंतू जाति की एक किशोरी को अगवा कर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म करने के मामले में सोमवार को तीन आरोपियों के खिलाफ आरोप सिद्ध हो जाने पर 20-20 साल कैद की सजा सुनाई और 15-15 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। जिला शासकीय अधिवक्ता इंद्रपाल सिंह ने मंगलवार को कहा, “शहर कोतवाली क्षेत्र के रेलवे स्टेशन के पास से घुमंतू जाति (पछइया लोहार) की एक सोलह साल की किशोरी को 17 दिसंबर, 2013 को कुनबे से अगवा कर पसवारा गांव ले जाकर उसके साथ चार युवकों ने मिलकर दुष्कर्म किया।”

सिंह ने कहा कि इस मामले की प्राथमिकी 18 दिसंबर को राजू अहिरवार, बनारसी भास्कर, मक्खू उर्फ नईम और एक नाबालिग के खिलाफ दर्ज हुई थी।

उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को सुनने के बाद सोमवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश गजेंद्र कुमार ने राजू, बनारसी और मक्खू उर्फ नईम को सामूहिक दुष्कर्म का दोषी पाया सभी को 20-20 साल कैद की सजा सुनाई और 15-15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

नाबालिग आरोपी के खिलाफ अभी किशोर न्यायालय में मामला विचाराधीन है।

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गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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