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नेशनल

उप्र : गायत्री प्रजापति मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा

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लखनऊ, 13 जून (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने सामूहिक दुष्कर्म और नाबालिग से छेड़छाड़ के मामले में सुनवाई करते हुए मंगलवार को उत्तर प्रदेश के पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रजापति की जमानत याचिका पर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा।

मामले की अगली सुनवाई चार जुलाई को होगी।
उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार से जवाब मांगा कि गायत्री प्रजापति के मामले में उनके खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म के साथ ही पॉक्सो लागू होता है या नहीं, इसका जवाब दे। उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार से इस सवाल पर तीन हफ्ते में जवाब मांगा है, जिसके बाद मामले की अगली सुनवाई चार जुलाई को लखनऊ पीठ में की जाएगी।

सामूहिक दुष्कर्म और पॉक्सो के मामले में गायत्री को जिला न्यायाधीश ने जमानत दी थी। इसके खिलाफ राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय में याचिका दी थी, जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने गायत्री की जमानत याचिका रद्द कर दी थी।

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नेशनल

सीएम योगी का सपा पर निशाना, कहा- इनके शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे

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उन्नाव। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को उन्नाव में एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस और सपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सपा-कांग्रेस का इतिहास प्रभु श्रीराम का विरोध करने वाला रहा है। कांग्रेस कहती थी कि प्रभु राम का अस्तित्व ही नहीं है। वहीं, दूसरी तरफ सपा कहती थी कि अयोध्या में एक भी परिंदा पर नहीं मार सकता है, यह इनका दोहरा चरित्र है। सपा के शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे।

सीम योगी ने कहा कि इन लोगों ने अयोध्या, रामपुर में सीआरपीएफ कैंप, काशी में संकटमोचन मंदिर, लखनऊ, अयोध्या और वाराणसी की कचहरी पर हमला करने वाले आतंकियों के मुकदमे वापस लेने का प्रयास किया था। जिस पर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि आप इनके मुकदमे वापस लेने की बात कह रहे हैं और कल इन्हें पद्म पुरस्कार से नवाजेंगे।”

उन्होंने कहा कि अयोध्या में जहां एक ओर रामलला विराजमान हो गए हैं। वहीं, दूसरी ओर बड़े-बड़े माफिया की ‘राम नाम सत्य’ हो रही है। इंडिया गठबंधन पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि इनके मेनिफेस्टो में अल्पसंख्यकों को खाने-पीने की पूरी स्वतंत्रता देने की बात कही गई है। यह जनता को नहीं बता रहे हैं कि ऐसा कौन सा खान-पान है जो बहुसंख्यक समाज नापसंद करता है। बहुसंख्यक समाज गोमाता की पूजा करता है और वह गोकशी को बर्दाश्त नहीं कर सकता है।

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