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नेशनल

उप्र : कतर्नियाघाट में 16 घोंसलों से निकले 700 नन्हें घड़ियाल

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बहराइच, 6 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में कतर्नियाघाट के गेरुआ नदी में टापुओं पर निर्धारित समय से 10 दिन पहले नन्हें घड़ियालों ने दस्तक दे दी। इसका कारण सामान्य से अधिक तापमान माना जा रहा है। घड़ियालों द्वारा सहेजे गए 16 घोंसलों से 700 बच्चे निकले। सभी को वन विभाग ने सुरक्षित गेरुआ नदी में छोड़ दिया है। कतर्नियाघाट संरक्षित वन क्षेत्र से होकर बहने वाली नेपाल की गेरुआ नदी घड़ियालों के कुनबों को बढ़ाने में मददगार मानी जाती है। इस समय अनुमान के मुताबिक, नदी में लगभग 300 घड़ियाल मौजूद हैं। प्रति वर्ष फरवरी-मार्च माह में घड़ियाल नदी के टापू वाले स्थानों पर अंडे देकर उन्हें बालू के घोंसले में सहेज देते हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, एक घोंसले में कम से कम 19 और अधिक से अधिक 60 अंडे होते हैं। बालुओं में ढकने के बाद मादा घड़ियाल अंडों के प्रति निश्चिंत हो जाती है। अंडों से बच्चों के निकलने का समय 15 जून होता है। लेकिन इस बार तराई का मौसम बार-बार अंगड़ाई ले रहा है। 20 दिन से जिले का तापमान सामान्य से अधिक रिकार्ड हो रहा था। इसकी वजह से वन विभाग के विशेषज्ञ निर्धारित समय से पहले घोसलों से बच्चों के निकलने का अनुमान लगा रहे थे। यह अनुमान सच साबित हुआ।

कतर्नियाघाट रेंज के वन क्षेत्राधिकारी आर.के.पी. सिंह जब भवनियापुर घाट पर घड़ियालों द्वारा सहेजे गए घोंसलों का मुआयना करने पहुंचे तो उन्हें कुछ घोंसलों से चहचहाहट की आवाज सुनाई पड़ी। वन क्षेत्राधिकारी ने तत्काल उच्चाधिकारियों को अवगत कराया। साथ ही कतर्नियाघाट में शोध कार्य कर रहे छात्रों को भी बुलाया गया।

वन क्षेत्राधिकारी ने बताया, शोधार्थी छात्रों के साथ ही नाविक रामरूप के सहयोग से जिन घोंसलों से आवाज आ रही थी, उन्हें एक-एक कर खोला गया। 16 घोसलों से 700 नन्हें घड़ियाल निकले, जिन्हें वन विभाग की टीम ने गेरुआ नदी में छोड़ दिया है। इस बार मादा घड़ियालों ने 27 स्थानों पर घोंसले बनाकर अंडे सहेजे हैं। प्रतिदिन सुबह-शाम इन सभी घोंसलों की निगरानी हो रही है। अभी 11 घोंसले खुलने शेष हैं।

सिंह ने बताया, अंडों से बच्चों के निकलने के लिए नदी क्षेत्र का तापमान 40 से 41 डिग्री होना चाहिए। लेकिन इस बार तापमान तीन से चार डिग्री सेल्सियस अधिक था, जिससे समय से 10 दिन पूर्व ही ब्रीडिंग की शुरुआत हुई। एक घोसले में औसतन अधिकतम 65 अंडे होते हैं। इस बार 27 घोसलों में मादा घड़ियाल ने अंडे सहेजे हैं। ऐसे में इस बार कम से लगभग 1900 नन्हें घड़ियाल निकलने का अनुमान है। संख्या कम और ज्यादा हो सकती है। शेष 11 घोंसलों के भी चार-पांच दिनों में खुलने की उम्मीद है।

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नेशनल

अफ्रीकन दिखते हैं दक्षिण भारत के लोग… सैम पित्रोदा के बयान पर मचा बवाल, बीजेपी ने बोला हमला

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नई दिल्ली। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने पूर्वोत्तर और दक्षिण भारतीय लोगों को लेकर ऐसा बयान दे दिया है जिसपर बवाल मच गया है। सैम पित्रोदा ने कहा कि पूर्वोत्तर में रहने वाले लोग चीन जैसे दिखते हैं और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकन जैसे। दरअसल, सैम पित्रोदा का एक वीडियो सामने आया है.जिसमें वह कह रहे हैं कि भारत जैसे विविधता वाले देश में सभी एक साथ रहते हैं. वीडियो में उन्हें कहते देखा जा सकता है। वह कहते हैं कि यहां पूर्वी भारत के लोग चीन के लोगों जैसे, पश्चिम भारत में रहने वाले अरब जैसे और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकी लोगों जैसे दिखते हैं। उन्होंने कहा कि बावजूद इसके फिर भी हम सभी मिल-जुलकर रहते हैं।

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के इस बयान पर बीजेपी की ओर से असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पलटवार किया। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से उनके वीडियो को रीट्वीट करते हुए लिखा, “सैम भाई, मैं नॉर्थ ईस्ट से हूं और भारतीय जैसा दिखता हूं। हम एक विविधतापूर्ण देश हैं-हम अलग दिख सकते हैं लेकिन हम सभी एक हैं। हमारे देश के बारे में थोड़ा तो समझ लो!”

सैम पित्रोदा के कुछ ही दिन पहले दिए गए विरासत टैक्स वाले बयान पर चुनाव के बीच बवाल मचा था वहीं अब एक बार फिर उनके बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। पिछले दिनों सैम पित्रोदा ने भारत में विरासत कर कानून की वकालत की था। धन के पुनर्वितरण की दिशा में नीति की आवश्यकता पर जोर देते हुए, पित्रोदा ने अमेरिका का हवाला दिया था। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने इससे पल्ला झाड़ लिया था और इसे उनका निजी बयान बताया था।

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