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मनोरंजन

उतने ही काम के लिए हामी भरती हूं, जितना कर सकूं : श्रुति

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उतने ही काम के लिए हामी भरती हूं, जितना कर सकूं : श्रुतिमुंबई | अभिनेत्री श्रुति सेठ ने बताया कि वह उतनी ही परियोजनाओं के लिए हामी भरती हैं, जितनी वह कर सकें। श्रुति ने कहा, “इन दिनों मैं थोड़ा व्यस्त हूं। किसी भी चीज को समय देने को लेकर मुझे सब सोच-समझकर निर्णय लेना होगा। मेरी एक बेटी भी है, इसलिए मैं काम को ज्यादा समय नहीं दे सकती।”

उन्होंने कहा, “अगर आप मेरा करियर देखें, तो यह अब तक अच्छा रहा है। मेरे पास पहले ही बहुत-सी चीजें हैं। मैं उतना ही लेना पसंद करती हूं जितना कि मैं संभाल सकूं।”

‘शरारत’ सहित फिल्मों और टेलीविजन शोज के लिए पहचानी जाने वाली श्रुति ने पारिश्रमिक असमानता के बारे में भी बात की।

उन्होंने कहा, “यह विश्वव्यापी है। सभी इस बारे में बात कर रहे हैं और मुझे लगता है कि यह बड़ा बदलाव है, जो अंतत: होगा।”

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हाईकोर्ट पहुंचे जैकी श्रॉफ, बिना इजाजत ‘भ‍िडू’ बोला तो देना होगा 2 करोड़ जुर्माना

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मुंबई। बॉलीवुड के दिग्गज एक्‍टर जैकी श्रॉफ को आपने अक्सर ‘भ‍िडू’ शब्द का प्रयोग करते सुना होगा। कई बार उनसे मुलाकात के दौरान उनके फैंस भी इस शब्द का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन अब अगर आपने आगे से ऐसा किया तो आपको 2 करोड़ रु का जुर्माना देना पड़ सकता है। एक्‍टर ने ‘व्यक्तित्व और प्रचार अधिकारों की सुरक्षा’ के तहत ‘भ‍िडू’ शब्‍द के इस्‍तेमाल पर दिल्‍ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और कई संस्‍थानों के ख‍िलाफ केस किया है।

यह मामला उन संगठनों के खिलाफ दायर किया गया है जो जैकी श्रॉफ का इस्तेमाल उनकी अनुमति के बिना व्यावसायिक लाभ के लिए कर रहे हैं। उम्मीद है कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुनाएगा ताकि अभिनेता के प्रचार अधिकारों की रक्षा की जा सके। मामले को कल 14 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

यह पहली बार नहीं है कि किसी बॉलीवुड अभिनेता ने गोपनीयता और प्रचार अधिकार के लिए अदालत से मदद मांगी है। इससे पहले दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन ने लोगों को अभिनेता की नकल करने और उनकी सहमति के बिना उनकी आवाज का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए मुंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

दूसरी ओर पिछले साल अनिल कपूर ने भी अपने व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। इसके अलावा, इस साल जनवरी में अनिल कपूर ने केस जीत लिया। इसमें उन्होंने ‘झकास’ शब्द वाला तकिया कलाम, अपने नाम, आवाज, बोलने के तरीके, छवि, समानता और हावभाव की सुरक्षा की मांग की थी। उनका कहना था कि इसका प्रयोग न किया जाए।

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