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उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति इस्लाम करिमोव का निधन

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उज्बेकिस्तान

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उज्बेकिस्तान ताशकंद। उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति इस्लाम करिमोव का शुक्रवार को 78 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्हें मस्तिष्काघात के कारण 27 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उज्बेक सरकार की ओर से बताया गया कि करिमोव का अंतिम संस्कार ऐतिहासिक शहर समरकंद में शनिवार को किया जाएगा, जहां उनका जन्म हुआ था। सरकार की ओर से जारी बयान में शनिवार से ही तीन दिन के शोक की घोषणा की गई है।

करिमोव 1991 से ही उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति थे। उन्हें शनिवार को मस्तिष्काघात हुआ था। सरकार ने रविवार को अपनी वेबसाइट पर बताया था कि राष्ट्रपति को चिकित्सा जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया है।

करिमोव की बेटी लोला करिमोव-तिलयायेवा ने सोमवार को अपने फेसबुक पेज पर पिता के अस्पताल में होने की पुष्टि करते हुए लोगों से उनके स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करने को कहा था। वहीं, सरकार ने शुक्रवार को करिमोव के निधन से पहले बताया था कि उनकी हालत खराब हुई है और वह गंभीर स्थिति में हैं।

देश में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने वाले नेता के रूप में जाने जाने वाले करिमोव का जन्म 30 जनवरी, 1938 को हुआ था। उन्होंने सेंट्रल एशियन पॉलिटेक्निक इंस्टीट्यूट से उच्च शिक्षा प्राप्त की और ताशकंद इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इकोनॉमी से स्नातक होने के बाद आर्थिक विज्ञान में पीएचडी किया।

मार्च 1990 में सुप्रीम काउंसिल ऑफ उज्बेक सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक ने करिमोव को उज्बेक सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक का अध्यक्ष चुना। करिमोव ने 31 अगस्त, 1991 को उज्बेकिस्तान की स्वतंत्रता की घोषणा की। उसी साल 30 दिसंबर को आम चुनाव में वह उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए।

मार्च 1995 में एक जनमत संग्रह के जरिये उनका कार्यकाल साल 2000 तक बढ़ा दिया गया। इसके बाद 2007 और 2015 में वह पुन: उज्बेकिस्तान के शीर्ष नेता निर्वाचित हुए।

नेशनल

भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव

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एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।

उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।

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