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अन्तर्राष्ट्रीय

इस्लामिक स्टेट का अमेरिका, रूस के खिलाफ जिहाद का आह्वान

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दमिश्क । खूंखार आतंकवादी गिरोह इस्लामिक स्टेट (आईएएस) ने मंगलवार को रूस और अमेरिका के खिलाफ मध्य-पूर्व में उनकी सैन्य कार्रवाई के खिलाफ जिहाद का आह्वान किया। एक ऑडियो संदेश में आईएस के प्रवक्ता अबू मुहम्मद अल-अदनानी ने कहा कि हर ओर से मुस्लिम युवा रूस और अमेरिका के खिलाफ जिहाद के लिए एकजुट हों।

यह ऑडियो संदेश अल कायदा से जुड़े नुसरा फ्रंट के रूस के खिलाफ हमले करने की बात कहे जाने के एक दिन बाद आया है। नुसर फ्रंट के सरगना अबू मुहम्मद अल-जोलानी ने काकेशस में मौजूद आतंकवादियों से सीरिया में रूसी हवाई हमलों के जवाब में ‘रूस के लोगों को मारने’ का आह्वान किया। रूस ने नुसरा फ्रंट और आईएस सहित अन्य आतंकवादी समूहों के ठिकानों को निशाना बनाते हुए 30 सितंबर को युद्धग्रस्त सीरिया में हवाई हमले शुरू हुए।

एक बयान में सशक्त अहरार अल-शाम मूवमेंट सहित 41 से ज्यादा आतंकवादी गिरोहों ने सीरिया में रूस के सैन्य हस्तक्षेप को ‘कब्जा’ बताया और क्षेत्र के देशों से रूसी नेतृत्व वाले समूह (ईरान, इराक व सीरिया) का सामना करने के लिए एक गठबंधन तैयार करने का आह्वान किया।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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