अन्तर्राष्ट्रीय
इबोला के साप्ताहिक मामले बढ़े
जनेवा| इबोला से सबसे अधिक प्रभावित तीन अफ्रीकी देशों- गिनी, लाइबेरिया और सिएरा लियोन में इस साल इबोला के साप्ताहिक मामले पहली बार बढ़े हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) द्वारा बुधवार को जारी किए गए ताजा आंकड़ों के जरिए यह जानकारी मिली। पिछले सप्ताह इन तीन देशों में इबोला के 124 नए मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें से गिनी में 39, लाइबेरिया में पांच और सिएरा लियोन में 80 मामले दर्ज थे।
डब्लूएचओ की ताजा जानकारी के मुताबिक, “इस साल इन सभी देशों में इबोला के साप्ताहिक मामलों की संख्या पहली बार बढ़ी है।”
डब्लूएचओ ने चेतावनी दी कि कुछ लोग अभी भी असुरक्षित गतिविधियों में लगे हुए हैं। इससे उनमें संक्रमण के फैलने और अन्य लोगों को संक्रमित करने का खतरा बढ़ रहा है।
भौगोलिक रूप से गिनी में लगातार संक्रमण फैल रहा है। यहां पिछले सप्ताह इबोला के 39 नए मामले दर्ज हुए हैं। गिनी में इससे पहले सप्ताह में इबोला के सिर्फ 30 मामले दर्ज हुए थे।
पिछले सप्ताह सिएरा लियोन में इबोला के 80 नए मामले दर्ज हुए थे, जबकि इससे पहले सप्ताह में यहां इबोला के सिर्फ 65 मामले दर्ज थे।
डब्लूएचओ के मुताबिक इस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रशासन को कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
अब तक, इन तीन सबसे अधिक प्रभावित अफ्रीकी देशों में इबोला के 22,495 मामलों की पुष्टि हुई है और इनमें से 8,981 लोगों की मौत हो गई है।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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