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बिजनेस

‘आसुस रोग’ ने भारत में लांच की गेम की नई श्रंखला

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नई दिल्ली, 3 अप्रैल (आईएएनएस)| ताइवान की कंपनी आसुस रिपब्लिक ऑफ गेमर्स (रोग) ने भारत में मंगलवार को 8वीं पीढ़ी के इंटेल कोर प्रोसेसर वाली अपनी अगली पीढ़ी की गेम श्रंखला लांच कर दी। इसमें ‘रोग जेफिरस एम (जीएक्स501जीआई)’, ‘रोग जी703’, ‘रोग स्ट्रिक्स स्कार एडीशन’, ‘रोग स्ट्रिक्स हीरो एडीशन’ और ‘रोग स्ट्रिक्स जीएल503’ लैपटॉप और ‘रोग स्ट्रिक्स जीएल12’ डेस्कटॉप शामिल हैं।

भारत में आसुस रोग गेमिंग लैपटॉप और डेस्कटॉप दूसरी तिमाही से उपलब्ध होंगे।

कंपनी ने एक बयान में कहा कि विशेष रूप से गेम खेलने वालों के लिए सभी उपकरणों में ‘ऑरा सिंक’ तकनीक का उपयोग किया गया है।

रोग जेफिरस एम दुनिया का सबसे पतला गेम वाला लैपटॉप है, जिसमें 8वीं पीढ़ी का ‘इंटेल कोर प्रोसेसर’ वाला सीपीयू और ‘एनविडिया जीफोर्स जीटीएक्स 1070 ग्राफिक्स’ हैं।

कंपनी ने दावा किया कि यह अत्याधुनिक ‘144 हट्र्ज रीफ्रेश’ वाली आईपीएस स्तर की डिस्प्ले की सुविधा वाला पहला लैपटॉप है।

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बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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