प्रादेशिक
आप से निष्कासित बिन्नी भाजपा में शामिल
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी से निष्कासित नेता विनोद कुमार बिन्नी रविवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। बीते दो दिनों में कभी आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल से जुड़े रहने वाले तीसरे नेता ने भाजपा का दामन थामा है। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पूर्व सहयोगी और अन्ना हजारे के संगठन से जुड़ी रहीं भारत की पहली महिला आईपीएस अधिकारी किरण बेदी और उससे पहले आप की तेज तर्रार नेता रह चुकी शाजिया इल्मी भाजपा में शामिल हो चुकी हैं।
बिन्नी का भाजपा में स्वागत करते हुए दिल्ली इकाई के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने इस तथ्य की सराहना की कि बिन्नी वे पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने ‘आप में अलोकतांत्रिक प्रक्रिया का तीव्र विरोध किया था।’ बिन्नी ने संवाददातओं से बातचीत करते हुए आप की निंदा की। उन्होंने कहा कि मैं आप में शामिल हुआ था, लेकिन तब यह नहीं जान सका कि जो भी हुआ वह नाटक था। आप भावनात्मक दोहन के लिए जिम्मेवार है।
दिल्ली विधानसभा के लिए 2013 में हुए चुनाव में बिन्नी लक्ष्मी नगर से विधायक चुने गए थे। उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी अशोक कुमार वालिया को करीब 8000 मतों से पराजित किया था। इसके तुरंत बाद ही उन्होंने आप के खिलाफ विद्रोह कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी दिल्ली के लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रही है और अपने सिद्धांतों से पीछे हट रही है। जनवरी 2014 में आप ने पार्टी के खिलाफ बयानबाजी करने के कारण बिन्नी को निष्कासित कर दिया था। कहा गया था कि बिन्नी भाजपा के एजेंट हैं और तोड़फोड़ करने की नीयत से आप में आए थे।
उन्होंने कहा, “मैं भी भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे के आंदोलन का हिस्सा था। मैं नहीं जानता था कि कुछ अवसरवादी लोग मुझे और दिल्ली के लोगों को ठगेंगे। उन्होंने झूठे वादे किए और अपने लाभ के लिए अन्ना जैसे महान व्यक्ति का इस्तेमाल किया।” वर्ष 2007 में बिन्नी निर्दलीय सदस्य के तौर पर दिल्ली महापालिका के लिए चुनाव जीतने मे कामयाब रहे। 2009 में वे कांग्रेस में शामिल हो गए, लेकिन थोड़े ही दिनों बार वे 2011 में अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से सक्रिय रूप से जुड़ गए। वह 2012 में महापालिका के लिए फिर से चुन लिए गए और उन्होंने नवगठित आप का दामन थाम लिया था।
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गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक
अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।
इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।
हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।
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