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आप के विद्रोहियों का दावा, नहीं मिला निष्कासन पत्र

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bhushanyadav

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नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा संस्थापक सदस्यों प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव सहित चार नेताओं को पार्टी से निष्कासित किए जाने की घोषणा के एक दिन बाद पार्टी के विद्रोही नेताओं ने कहा है कि उन्हें अभी तक पार्टी से निष्कासन पत्र नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि अजीत झा और आनंद कुमार सहित, चारों नेता सोमवार शाम हुई पार्टी की बैठक से पहले ही पार्टी छोड़ने का फैसला कर चुके थे।

योगेंद्र ने राष्ट्रीय राजधानी में बताया कि हमें अभी तक पार्टी से निष्कासन पत्र नहीं मिला है लेकिन इसके पहले ही सोमवार शाम हुई बैठक में हम चारों आम आदमी पार्टी छोड़ने का फैसला कर चुके थे। भूषण और यादव द्वारा पिछले सप्ताह गुड़गांव में पार्टी विरोधी बैठक करने के लिए कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के बाद सोमवार रात चारों नेताओं को पार्टी से निकाले जाने का फैसला किया गया था। यादव, भूषण, कुमार और झा के खिलाफ मिली शिकायतों पर फैसला लेने के लिए यहां 20 अप्रैल से पार्टी की राष्ट्रीय अनुशासन समिति की बैठक हुई थी।

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628 को उम्रकैद, 37 को दिलवाई फांसी, जानें कौन हैं मुंबई उत्तर मध्य सीट से बीजेपी उम्मीदवार उज्जवल निकम

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मुंबई| लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा ने शनिवार को 15वीं सूची जारी कर दी। इस सूची में उज्जवल निकम का नाम भी शामिल है। मशहूर वकील उज्जवल निकम को भाजपा ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए मुंबई उत्तर मध्य सीट से प्रत्याशी बनाया है। इस सीट से पूनम महाजन का टिकट काट गया है।

बता दें कि पूनम महाजन मुंबई की नॉर्थ सेंट्रल सीट से बीजेपी की निवर्तमान सांसद है। बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें इस सीट से अपना उम्मीदवार बनाया था जिसमें उन्हें जीत हासिल हुई थी। इससे पहले 2014 में भी वह इसी सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंची थीं लेकिन इस बार पार्टी ने उनपर भरोसा न जताकर वरिष्ठ वकील उज्जवल निकम को चुनावी मैदान में उतारा है।

बता दें कि उज्जवल निकल देश के जाने-माने वकील हैं उन्हीं ने मुंबई में 26/11 हमले को अंजाम देने वाले आतंकी आमिर कसाब को फांसी के फंदे तक पहुंचाया था। इस केस में वह विशेष लोक अभियोजक भी थे। इसके अलावा वह 1993 के बम धमाकों, गुलशन कुमार हत्याकांड और प्रमोद महाजन हत्याकांड जैसे हाई प्रोफाइल केसों में सरकारी की ओर से केस लड़ चुके हैं। उन्होंने अपने 30 साल लंबे करियर में 628 लोगों को आजीवन कारावास और 37 लोगों को मृत्युदंड की सजा दिलवाई।

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