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आपका विश्वास टूटने नहीं दूंगा: पीएम मोदी
पीएम ने कहा मेरी सरकार गांव, गरीब और किसान को समर्पित
कुशीनगर (उप्र)। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भाजपा की परिवर्तन रैली को संबोधित करते हुए कहा कि आज से पहले भी मैं कुशीनगर आया था लेकिन आज पहले से कहीं अधिक भीड़ आई हुई है पहले तो माताएं-बहनें नहीं आती थीं आज वो भी यहां आईं हैं मैं उनका अभिनंदन करता हूं।
पीएम मोदी ने कहा आपने जो मुझ पर विश्वास किया है उसको मैं टूटने नहीं दूंगा आपने जो सरकार दिल्ली में चुनी है वो गरीब, गांव व किसान को समर्पित है।
उन्होंने कहा कि यहां का गन्ना किसान कितनी मुश्किलों से गुजरा है वो किसी से छिपा नहीं है। आपकी सेवा करने आया हूं। आपके कष्ट को दूर करने आया हूं आपने मुझे इतना दिया है उसका कर्ज चुकाने आया हूं।
आंकड़ा देते हुए पीएम ने कहा कि 2014 में गन्ना किसानों का बकाया 22हजार करोड़ रूपया था। लखनऊ में सरकार को गन्ना किसानों की परवाह नहीं थी। वो सोचते थे कि कुछ बांट देंगे काम चल जाएगा लेकिन आपने जैसे ही दिल्ली में मुझे बैठाया मैंने गन्ना किसानों का अधिकतर भुगतान कर दिया अब उंगली पर गिना हुआ बकाया है।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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