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विश्व कप ट्रॉफी विवाद पर आईसीसी प्रेसीडेंट कमाल का इस्तीफा

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ढाका। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के अध्यक्ष बांग्लादेश के मुस्तफा कमाल ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की। कमाल विश्व कप ट्रॉफी प्रदान करने का मौका आईसीसी चेयरमैन एन. श्रीनिवासन को दिए जाने से नाराज थे। बांग्लादेश की समाचार वेबसाइट बीडीन्यूज24 डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक संवाददाता सम्मेलन में कमाल ने कहा कि वह आईसीसी के नियमों के हुए उल्लंघन के विरोध में अपना इस्तीफा दे रहे हैं। कमाल के मुताबिक यह उनका आखिरी फैसला है और इसमें कोई बदलाव नहीं होगा।

उल्लेखनीय है कि रविवार को विश्व कप फाइनल के बाद आईसीसी चेयरमैन एन. श्रीनिवासन ने विश्व कप ट्रॉफी विजेता टीम आस्ट्रेलिया को प्रदान की थी। आईसीसी के नियमों में जनवरी में हुए बदलाव के अनुसार विश्व कप ट्रॉफी अध्यक्ष द्वारा प्रदान की जानी चाहिए, लेकिन रविवार को मैच के बाद श्रीनिवासन ने आस्ट्रेलिया के कप्तान माइकल क्लार्क को यह ट्रॉफी दी। कमाल के अनुसार, यह आईसीसी के नियमों का उल्लंघन है।

आस्ट्रेलिया मेलबर्न क्रिकेट मैदान (एमसीजी) पर खेले गए फाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड को सात विकेट से हराकर पांचवीं बार विश्व खिताब जीतने में कामयाब रहा। ऐसा माना जा रहा है कि कमाल द्वारा भारत-बांग्लादेश के बीच हुए मैच के बाद अंपायरिंग की आलोचना करने के विवाद का श्रीनिवासन ने फायदा उठाया और ट्रॉफी प्रदान करने के लिए आईसीसी के अन्य सदस्यों का समर्थन हासिल करने में कामयाब रहे। उल्लेखनीय है कि पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान कमाल मौजूद नहीं थे। कमाल ने दो दिन पहले ही आईसीसी में चल रही गड़बड़ियों को उजागर करने की भी चेतावनी दी थी।

बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) ने भी भारत-बांग्लादेश के बीच क्वार्टर फाइनल मैच के दौरान हुई खराब अंपायरिंग की शिकायत आधिकारिक तौर पर मंगलवार को आईसीसी से दर्ज कराई। बीसीबी के मुख्य कार्यकारी निजामुद्दीन चौधरी ने मंगलवार को बताया कि बोर्ड 19 मार्च को हुए इस मैच में खराब अंपायरिंग से संबंधित शिकायत दर्ज करा चुका है।

नेशनल

जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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