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अन्तर्राष्ट्रीय

आईएस ने अलकायदा को पछाड़ा : अमेरिका

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वाशिंगटन | विश्व के सबसे दुर्दात आतंकवादी संगठन के रूप में इस्लामिक स्टेट (आईएस) अलकायदा को पछाड़ रहा है। अमेरिकी विदेश विभाग ने यह बात कही है। आतंकवाद पर विदेश मंत्रालय की वार्षिक रपट में कहा गया है कि आईएस का अभूतपूर्व प्रसार और उसकी क्रूरता, विदेशी लड़ाकों को नियुक्त करने की ताकत, संदेश और हमले करने की क्षमता ने आईएस को इतना सशक्त बना दिया है कि वह अलकायदा को पीछे छोड़ रहा है।

रपट में कहा गया है कि दोनों ही समूह इस तरीके की रणनीति अपना रहे हैं, जिनके बारे में पता लगा पाना कठिन है। इनके तरीके अधिक क्रूर और सख्त हैं। समाचार चैनल सीएनएन ने शुक्रवार को इस रपट के हवाले से कहा कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान में अलकायदा के कोर नेतृत्व को हुए काफी नुकसान के अलावा इस संगठन का नेतृत्व लगता है अपनी गति खोता जा रहा है। इसकी तुलना में आईएस का विस्तार तेजी से हो रहा है। 2014 में हुए आतंकवादी हमले, पिछले साल की तुलना में 35 प्रतिशत बढ़े हैं। लेकिन ये हमले कुछ चुनिंदा देशों में ही अधिक हुए हैं।

मैरीलैंड विश्वविद्यालय के स्टडी ऑफ टेररिज्म एंड रिस्पॉन्सेस टू टेररिज्म के राष्ट्रीय कंशोर्सियम के मुताबिक, इन हमलों में से 60 प्रतिशत से अधिक हमले पांच देशों इराक, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, भारत और नाइजीरिया में हुए हैं। रपट में नाइजीरिया के आतंकवादी गुट बोको हरम का भी उल्लेख किया गया है, जो आईएस के क्रूर हथकंडों का इस्तेमाल कर रहा हैं, जिनमें पत्थर मारना और बच्चों को दास बनाना शामिल है। गौरतलब है कि पिछले साल सर्वाधिक हमलों को अंजाम देने में आईएस आगे रहा, जबकि दूसरे स्थान पर बोको हरम था।

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कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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