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बिजनेस

आइडिया, वोडाफोन के मर्जर से बनेगी देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी

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नई दिल्ली। दूरसंचार क्षेत्र में बड़े विलय की घोषणा करते हुए वोडाफोन इंडिया और आदित्य बिरला समूह की कंपनी आइडिया सेलुलर ने सोमवार को उनके बहुप्रतीक्षित एकीकरण की घोषणा की।

इस एकीकरण के बाद बनी कंपनी के अध्यक्ष आदित्य बिरला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिरला होंगे। दोनों कंपनियों ने एक संयुक्त बयान में कहा, “वोडाफोन समूह और आइडिया सेलुलर भारत में अपने पारिचालनों के एकीकरण (इसमें इंडर टावर्स में वोडाफोन की 42 फीसदी हिस्सेदारी शामिल नहीं है) की घोषणा करता है ताकि देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी का निर्माण हो सके।”

इसमें आगे कहा गया, “यह संयुक्त कंपनी देश की प्रमुख दूरसंचार प्रदाता होगी, जिसमें करीब 40 करोड़ ग्राहक होंगे, 35 फीसदी बाजार हिस्सेदारी होगी और राजस्व बाजार हिस्सेदारी 41 फीसदी होगी।” आइडिया सेलुलर ने नियामकीय रपट दाखिल करते हुए कहा, “उसके निदेशकों के बोर्ड ने वोडाफोन इंडिया लि. और उसकी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी वोडाफोन मोबाइल सर्विसेज लि. के साथ कंपनी (आइडिया) के विलय को मंजूरी दे दी है।”

इस एकीकरण के बाद बनी कंपनी के अध्यक्ष आदित्य बिरला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिरला होंगे। दोनों कंपनियों ने एक संयुक्त बयान में कहा, “वोडाफोन समूह और आइडिया सेलुलर भारत में अपने पारिचालनों के एकीकरण (इसमें इंडर टावर्स में वोडाफोन की 42 फीसदी हिस्सेदारी शामिल नहीं है) की घोषणा करता है ताकि देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी का निर्माण हो सके।”

इसमें आगे कहा गया, “यह संयुक्त कंपनी देश की प्रमुख दूरसंचार प्रदाता होगी, जिसमें करीब 40 करोड़ ग्राहक होंगे, 35 फीसदी बाजार हिस्सेदारी होगी और राजस्व बाजार हिस्सेदारी 41 फीसदी होगी।” आइडिया सेलुलर ने नियामकीय रपट दाखिल करते हुए कहा, “उसके निदेशकों के बोर्ड ने वोडाफोन इंडिया लि. और उसकी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी वोडाफोन मोबाइल सर्विसेज लि. के साथ कंपनी (आइडिया) के विलय को मंजूरी दे दी है।”

इस एकीकरण से जिस कंपनी का गठन होगा उसका राजस्व 80,000 करोड़ रुपये से ज्यादा होगा। बयान में कहा गया, “संयुक्त कंपनी में वोडाफोन की हिस्सेदारी 45.1 फीसदी होगी। सौदा पूरा होने वह अपने 4.9 फीसदी हिस्सेदारी को आइडिया और उसकी सहयोगी कंपनियों को 3,874 करोड़ रुपये में बेचेगी।”

इसमें आगे कहा गया, “आइडिया के प्रमोटरों के पास संयुक्त कंपनी की 26 फीसदी हिस्सेदारी होगी, तथा बाकी की सार्वजनिक हिस्सेदारी होगी।” इस संयुक्त कंपनी के कुल 40.6 करोड़ ग्राहक होंगे, जो वर्तमान में सबसे बड़ी कंपनी भारती एयरटेल के 26.9 ग्राहकों की संख्या से काफी बड़ी होगी।

उन्होंने कहा, “आइडिया और वोडाफोन मिलकर एक बेहद मूल्यवान कंपनी का गठन करेंगे जो हमारी पूरक शक्ति है।” वोडाफोन समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विट्टोरियो कोलाओ ने बताया, “वोडाफोन इंडिया और आइडिया मिलकर डिजिटल इंडिया के दीर्घकालिक प्रतिबद्धता के साथ एक नई चैंपियन कंपनी का गठन करेगी, जिसका विश्वस्तीय 4जी नेटवर्क का विस्तार भारत के गांवों, कस्बों और शहरों तक होगा।”

आइडिया सेल्युलर और वोडाफोन इंडिया दोनों ही भारत में सभी 22 टेलीकॉम सर्किलों में मौजूद हैं और 17 सर्कल में 4 जी कनेक्टिविटी की सुविधा प्रदान करती है। यह समझौता 24 महीनों में पूरा कर लिया जाएगा। बयान में कहा गया है, “संयुक्त सूचीबद्ध कंपनी का नाम बदला जाएगा।”

सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महानिदेशक राजन एस. मैथ्यूज ने कहा, “विलय और एकजुटता की इस प्रवृत्ति से दीर्घकालिक अवधि में ग्राहकों, ऑपरेटरों और सरकार को लाभ होगा। वैश्विक स्तर पर भी ऐसा ही देखने को मिला है।”

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Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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