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प्रादेशिक

असफल परियोजनाओं से गोवा के विकास में बाधा : नाइक

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पणजी | गोवा के उद्योग मंत्री महादेव नाइक ने शुक्रवार को कहा कि विफल हो चुकीं विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) परियोजनाओं को आवंटित की गई जमीन के विशाल हिस्सों के कारण गोवा के औद्योगिक विकास में बाधा आ रही है। संवाददाताओं से बातचीत में नाइक ने कहा कि राज्य निजी कारोबारी घरानों से आए विभिन्न निवेश प्रस्तावों पर कार्रवाई इसलिए नहीं कर पाया, क्योंकि भूमि की कमी है और इसके कारण गोवा के औद्योगिक विकास को क्षति पहुंची है।

नाइक ने कहा, “गोवा उद्योग संवर्धन बोर्ड को 21 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। लेकिन इनमें से हम सिर्फ 11 प्रस्तावों को ही मंजूर कर सके। अधिकतर मामलों में परियोजनाओं को मंजूरी देने के लिए भूमि ही उपलब्ध नहीं थी।” गोवा में कांग्रेस के नेतृत्व में गठबंधन सरकार ने 2008 में राज्य में विशेष आर्थिक क्षेत्र नीति को समाप्त कर दिया था, क्योंकि इसके खिलाफ नागरिक समाज ने लगातार विरोध प्रदर्शन किया था। एसईजेड परियोजनाओं के लिए मेडीटैब स्पेशियलिटीज प्राइवेट लि., सिप्ला समूह, पेन्निसुलर फार्मा रिसर्च लि, पैराडिज्म लॉजिस्टिक्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स, प्लैनेटव्यू मर्के टाइल प्राइवेट लि, इनॉक्स मर्के टाइल प्राइवेट लि और मैक्सग्रो कंपनियों को 32 लाख वर्गमीटर भूमि आवंटित की गई थी। इन कंपनियों को एक साल के भीतर अपने निर्धारित क्षेत्रों में सभी कार्य बंद करने के निर्देश दिए गए हैं।

अब कंपनियां एसईजेड नीति को समाप्त करने के लिए गोवा सरकार के खिलाफ अदालत में अपील करने वाली हैं। नाइक ने कहा कि एसईजेड प्रमोटरों द्वारा दायर मामला सर्वोच्च न्यायालय में है। पहले से ही आवंटित भूमि के संबंध में गोवा सरकार ज्यादा कुछ नहीं कर सकती।

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गोयल इंस्टीट्यूट के छात्रों ने स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट कला विधि से बनाया पीएम मोदी का पोर्ट्रेट

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लखनऊ। गोयल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हाईयर स्टडीज महाविद्यालय लखनऊ के ललित कला विभाग के छात्रों ने 30 फीट के आकार में स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट की कला से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पोर्ट्रेट बनाया।

यह दृश्य कला की नई विधा में धागे से बना पोर्ट्रेट अपने आप में खास है। इसे बनाने में कुल 30 घंटे का समय लगा। जिसमें धागे का वजन लगभग 15 किलो तथा उस धागे की कुल लंबाई लगभग 45 किलोमीटर है। छात्रों ने बताया कि चित्र के आकार में इस प्रकार की कला में यह अब तक का सबसे बड़ा आर्टवर्क है जो इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ द रिकॉर्ड, इंटरनेशनल बुक ऑफ द रिकॉर्ड तथा गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए प्रस्तावित है।

आठ छात्रों की टीम (ब्रेकअप टीम) का नेतृत्व बाराबंकी स्थित अमोली कला, रामनगर निवासी देवाशीष मिश्रा द्वारा किया गया। टीम के अन्य महत्वपूर्ण सदस्यों में अभिषेक महाराणा, आदर्श शांडिल्य, लारैब कमाल खान, अभय यादव, सानिध्य गुप्ता, आरुषि अग्रवाल व कृतिका जैन का नाम शामिल है। इसका संचालन डॉक्टर संतोष पांडेय, प्राचार्य गोयल इंस्टीट्यूट आफ हायर स्टडीज महाविद्यालय ने किया। निरीक्षण श्रीमती शिखा पांडेय वह राकेश प्रभाकर द्वारा किया गया। इसमें ललित कला विभाग के प्राध्यापकों व समस्त छात्रों के सहयोग रहा।

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