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बिजनेस

अर्थव्यवस्था 2017 में 7.2 व 2018 में 7.7 फीसदी दर से बढ़ सकती है : जेटली

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केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली, न्यू डेवलपमेंट बैंक, जेटली, बुनियादी ढांचों

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नई दिल्ली | केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि देश की अर्थव्यवस्था 2017 में 7.2 फीसदी की दर से बढ़ सकती है और साल 2018 में यह वृद्धि दर 7.7 फीसदी हो सकती है। जेटली ने न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी)की दूसरी सालाना बैठक के उद्घाटन सत्र में कहा, “हालांकि, यह काफी चुनौतीपूर्ण समय है, लेकिन भारत की स्थिति हमेशा से बेहतर रही है। हमने सफलतापूर्वक सुधार कदमों को लागू किया है।”

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली, न्यू डेवलपमेंट बैंक, जेटली, बुनियादी ढांचों

उन्होंने कहा कि देश को अगले पांच वर्षो में बुनियादी ढांचे के लिए 43 लाख करोड़ रुपये या 646 अरब डॉलर की जरूरत बुनियादी ढांचों के लिए होगी और उम्मीद है कि 2015 से संचालन शुरू करने वाले एनडीबी का इसमें अहम योगदान होगा।

उन्होंने कहा, “इससे बेतहाशा अवसर सामने आएंगे।” जेटली ने कहा, “एनडीबी के अध्यक्ष के.वी.कामत ने सराहनीय काम किया है। बैंक ने अब पूरी तरह से कामकाज करना शुरू कर दिया है। इसने बाजार से सफलतापूर्वक पैसा जुटाया है। यह जल्द ही भारत में आवंटन शुरू कर देगा।” जेटली ने कहा, “एनडीबी कर्ज के लिए पहला समझौता कुछ दिनों पहले मध्य प्रदेश में हुआ।”

उन्होंने कहा कि एनडीबी की स्थापना सतत विकास परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए हुई थी और इसे इसके संस्थापक देशों भारत, चीन, ब्राजील, रूस और दक्षिण अफ्रीका द्वारा तय की गई भूमिका में फिट बैठना चाहिए।
उम्मीद है कि एनडीबी सस्ती दरों पर ऋण मुहैया कराएगा। जेटली ने कहा कि भारत बैंक के साथ आपसी लाभप्रद साझेदारी को लेकर आश्वस्त है।

जेटली ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि एनडीबी विकास बैंक के रूप में उभरकर सामने आएगा और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के वित्तपोषण में मदद करेगा।” उन्होंने कहा, “संरक्षणवाद विकास की संभावनाओं के लिए चुनौती है। वैश्विक विकास सकारात्मक संकेत दिखा रहा है और लगातार आगे बढ़ रहा है। इसके 2017-18 में और सुधरने की उम्मीद है।”

एनडीबी के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर चुके कामत ने कहा कि बैंक 2017 में इसके सदस्य देशों की 15 परियोजनाओं में दो अरब डॉलर से अधिक की धनराशि मुहैया कराने के बारे में सोच रहा है। कामत ने कहा, “हमें बैंक के संचालन के प्रथम वर्ष में अपार सहयोग मिला। हम मई में अफ्रीकी क्षेत्रीय केंद्र खोले जाने को लेकर आश्वस्त हैं।”

 

बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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