अन्तर्राष्ट्रीय
अमेरिकी सीनेट ने परमाणु समझौते से संबंधित विधेयक पारित किया
वाशिंगटन। अमेरिकी सीनेट की समिति ने उस विधेयक को पारित कर दिया है जिसमें ईरान के साथ ओबामा प्रशासन द्वारा जून के अंत तक किए जाने वाले किसी भी तरह के परमाणु समझौते पर कांग्रेस की समीक्षा की मांग की गई है। सीनेट के विदेश संबंध समिति ने मंगलवार को मतदान कराया, जिसमें यह 19-0 से पारित हो गया।
नए विधेयक के तहत राष्ट्रपति बराक ओबामा समीक्षा की अवधि के दौरान ईरान से प्रतिबंध नहीं हटा सकेंगे, समीक्षा की अवधि 60 से घटा कर 52 कर दी गई है। गौरतलब है कि ओबामा ने भी कांग्रेस से मंजूरी न मिलने पर अपने वीटो का इस्तेमाल करने की धमकी दी थी। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जोश अर्नेस्ट ने मंगलवार को कहा कि ओबामा समिति की तरफ से पेश समझौते पर हस्ताक्षर के लिए तैयार हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस और जर्मनी अप्रैल की शुरुआत में ईरान के साथ ढांचागत समझौता तक पहुंचने के बाद जल्द अंतिम दौर की वार्ता शुरू करने के लिए तैयार है और वहीं ओबामा प्रशासन ने बातचीत के बीच किसी भी तरह के हस्तक्षेप का विरोध किया है।
कैपिटल हिल में सोमवार और मंगलवार को हुई बैठक के दौरान विदेश मंत्री जॉन केरी ने सीनेटरों से यह अपील की कि वे ओबामा प्रशासन को ईरान के साथ समझौता करने के लिए और अधिक आजादी दें। प्रतिनिधिसभा के अध्यक्ष जॉन बोएनर ने मंगलवार को एकबार फिर ओबामा प्रशासन पर आरोप लगाया कि यह किसी भी कीमत पर ईरान के साथ समझौता चाहता है और किसी भी समझौते पर कांग्रेस की समीक्षा की मांग दोहराई।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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