अन्तर्राष्ट्रीय
अमेरिकी संसद में बैसाखी प्रस्ताव पेश
वाशिंगटन। डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद जॉन गैरामेंडी के नेतृत्व में 16 अमेरिकी सांसदों ने सिख पर्व बैसाखी के सम्मान में अमेरिकी प्रतिनिधिसभा में एक प्रस्ताव पेश किया है। यह द्विदलीय प्रस्ताव कांग्रेस में भारतीय मूल के एकमात्र सदस्य एमी बेरा ने सह-प्रायोजित किया है। डेमोक्रेटिक पार्टी के बेरा भारत और भारतीय मूल के अमेरिकियों के कांग्रेसनल कॉकस के सह-अध्यक्ष हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी 180 से अधिक सदस्यों के साथ अमेरिकी संसद की सबसे बड़ी पार्टी है।
अमेरिकी सिख कांग्रेसनल कॉकस के सह-अध्यक्ष गैरामेंडी ने कहा कि पूजा की स्वतंत्रता, समानता और न्याय अमेरिका के बुनियादी आदर्श हैं और ये सारी चीजें सिख अमेरिकी समुदाय के पर्व बैसाखी में परिलक्षित होते हैं।” उन्होंने कहा कि मैं देश में सबसे बड़े सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व कर गौरवान्वित हूं। मैंने नागरिक स्वतंत्रता, शिक्षा, व्यवसाय विकास सहित कई मुद्दों पर सिख समुदाय के साथ साझेदारी की है।
सिख संगठन के कानून एवं नीति के वरिष्ठ निदेशक राजदीप सिंह ने कहा कि सिख अमेरिकी ढांचे का एक अभिन्न अंग हैं। हम अपने अमेरिकी साथियों को सिखों के स्थानीय गुरुद्वारे में जाकर और सिख समुदायों की परियोजनाओं में साझेदार बनकर सिखों के बारे में अधिक जानने के लिए आमंत्रित करते हैं। इस प्रस्ताव में बताया गया है कि लगभग पांच शताब्दी पहले दक्षिण एशिया के पंजाब क्षेत्र में सिख धर्म की स्थापना की गई थी और इसे अमेरिका में 19वीं शताब्दी में पेश किया गया था।
सिख धर्म विभिन्न पृष्ठभूमि के लगभग 2.5 करोड़ अनुयायियों के साथ दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा धर्म है, जिसमें से 5 लाख अनुयायी अमेरिका में हैं। अमेरिका में सिख विभिन्न व्यवसायों में लगे हुए हैं। किसान, इंजीनियर, चिकित्सक, वैज्ञानिक और व्यवसायी के रूप में सिख अमेरिका की समृद्ध अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहे हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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