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अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका में हिन्दू मंदिर को फिर बनाया गया निशाना

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वाशिंगटन। अमेरिका में फिर एक हिंदू मंदिर को निशाना बनाने की घटना सामने आई है। मंदिर की दीवारों पर अंग्रेजी में फीयर (डर) लिख दिया गया। अमेरिका में इस महीने इस तरह की यह दूसरी घटना है।

एक स्थानीय टीवी की खबर के मुताबिक, गुरुवार देर रात केंट हिंदू मंदिर में यह घटना हुई। केंट स्थित हिंदू मंदिर की खिडकियों में तोडफोड के अलावा उपद्रवियों ने दीवार पर पेंट से डर लिख कर डराने की कोशिश की। केंट मंदिर में कोई सुरक्षा कैमरा नहीं लगा है जिसके कारण यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि किसने और कब यह हमला किया। मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि वे इस बात को लेकर निश्चित नहीं हैं कि क्या उन्हें उनके धर्म को लेकर निशाना बनाया गया है या आस-पड़ोस के किशारों ने सिर्फ संकट पैदा करने के लिए ऐसा किया।

इससे पहले महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या पर सिएटल से करीब 36 किलोमीटर दूर बॉथेल स्थित हिन्दू टेम्पल कल्चरल सेंटर की दीवार पर नफरत भरा संदेश लिख दिया गया था। तब वहां पर ‘स्वास्तिक’ के निशान पर ‘गेट आउट’ (चले जाओ) लिखा दिया गया था।

हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (एचएएफ) ने इस घटना की निंदा की है। एचएएफ के सरकारी संबंधों के निदेशक जे कंसारा ने कहा कि हिन्दू मंदिर पर हमला कानून प्रवर्तन एजेंसियों की विशेष चौकसी की जरूरत रेखांकित करता है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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