खेल-कूद
अब शतरंज में हुई T-20 की एंट्री
कोलकाता। आने वाले समय में शतरंज भी क्रिकेट के T-20 की तर्ज पर आक्रामक और रोमांचक होने वाला है, क्योंकि शतरंज के ट्वेंटी-20 प्रारूप की खोज हो चुकी है। शतरंज के ट्वेंटी-20 प्रारूप में पारंपरिक 64 खानों के बिसात की जगह 100 (10 गुणा 10) खानों वाली बिसात होगी और इसमें एक नया मोहरा ‘डायनमो’ शामिल होगा। डायनमो में घोड़ा और ऊंट दोनों मोहरों की विशेषता होगी।
भारतीय ग्रैंड मास्टर दिब्येंदु बरुआ ने शतरंज के इस नए प्रारूप का अविष्कार किया है और उसे T-20 नाम इसलिए दिया है, क्योंकि इसमें दोनों तरफ 20-20 मोहरें होती हैं।
शतरंज के अन्य सभी पूर्व नियमों को उसी तरह रखा गया है, हालांकि इसमें प्यादों के लिए पहली चाल में दो की जगह तीन खाने तक बढ़ने का नियम रखा गया है। बरुआ ने ग्रैंड मास्टर दीप सेनगुप्ता, सूर्य शेखर गांगुली, सप्तर्षि रॉय चौधरी एवं कुछ अन्य शतरंज के दिग्गजों के बीच खेल के नए प्रारूप का अनावरण किया।
बरुआ ने शतरंज के ट्वेंटी-20 प्रारूप को लांच करते हुए कहा कि इस प्रारूप में हमें डायनमो के रूप में एक नया मोहरा मिलेगा तथा हमने दो प्यादों को भी बढ़ा दिया है जिससे दोनों तरफ 20-20 मोहरें हो जाती हैं। वैसे तो शतरंज के कई रूप हैं, लेकिन यह अपनी तरह का अनोखा प्रारूप है।” बरुआ ने कहा, “डायनमो के पास घोड़े और ऊंट दोनों मोहरों की विशेषता होगी और इस तरह डायनमों के सात अंक होंगे, जो इसे बिसात पर तीसरा सबसे शक्तिशाली मोहरा बनाता है।” शतरंज के इस नए प्रारूप को वह कैसे सफल बनाएंगे, पूछने पर बरुआ ने कहा, “हमारे पास इस खेल को अपनाने के लिए उत्साही खिलाड़ी हैं तथा हम कुछ समय में इसके लिए आधिकारिक अनुमति लेने के लिए आवेदन करेंगे तथा इसे खिलाड़ियों के अनुकूल बनाने के लिए काफी अनुसंधान करना होगा।”
सूर्य शेखर ने नई बिसात पर सेनगुप्ता के साथ दो-दो हाथ खेलने की कोशिश की और कहा कि ट्वेंटी-20 प्रारूप की खोज के साथ ही शतरंज पहले से अधिक रणनीति वाला खेल हो जाएगा।
खेल-कूद
NADA ने रेसलर बजरंग पुनिया को अनिश्चित काल के लिए किया निलंबित, ये है वजह
नई दिल्ली। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने पहलवान बजरंग पुनिया को अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया। इस कार्रवाई से बजरंग के पेरिस ओलंपिक में खेलने के सपने पर संकट के बादल छाए हैं। जानकारी के अनुसार बजरंग पुनिया 10 मार्च को सोनीपत में हुए चयन ट्रायल के लिए अपना सैंपल देने में विफल रहे, जिसके बाद नाडा ने उन्हें भविष्य के किसी भी कार्यक्रम में भाग लेने से निलंबित करने का आदेश जारी किया।
भाजपा के पूर्व सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वालों में पुनिया, ओलंपियन साक्षी मलिक और विनेश सहित अन्य शीर्ष पहलवानों की कतार में सबसे आगे थे। निलंबन के बाद टोक्यो ओलंपिक में देश को कांस्य पदक दिलाने वाले पुनिया को इस महीने के अंत में होने वाले चयन ट्रायल में भाग लेने से रोक दिए जाने की संभावना है। 65 किग्रा वर्ग में अभी तक किसी भी भारतीय ने ओलंपिक कोटा नहीं जीता है।
निलंबन पत्र वर्ल्ड यूनाइटेड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) द्वारा मान्यता प्राप्त भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) की भंग हो चुकी तदर्थ समिति को भेजा गया था। वहीं, बजरंग ने कुछ महीने पहले एक वीडियो जारी कर डोप कलेक्शन किट के एक्पायर होने का आरोप लगाया था। उन्होंने डोप नियंत्रण अधिकारी के निर्देश की अवहेलना की और दावा किया कि नाडा अधिकारियों ने अभी तक उनकी चिंताओं का समाधान नहीं किया है।
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