अन्तर्राष्ट्रीय
अफगानिस्तान में 3 अमेरिकी ठेकेदारों की हत्या
वाशिंगटन| काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे में एक सैन्य केंद्र में सैन्य वर्दीधारी एक व्यक्ति के अंधाधुंध गोलियां बरसाने से तीन अमेरिकी ठेकेदारों व एक अफगानी नागरिक की मौत हो गई। यह जानकारी अमेरिकी रक्षा कार्यालय पेंटागन से जुड़े सूत्रों ने दी।
अमेरिकी रक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने अधिक जानकारी देने से इंकार करते हुए सिर्फ इतना बताया कि घटना गुरुवार शाम की है। उन्होंने कहा कि इसकी जांच चल रही है कि हमलावर अफगानी सैनिक हैं या नहीं। अमेरिका व नाटो के सैनिकों ने अफगानिस्तान में पिछले माह ही औपचारिक रूप से लड़ाकू मिशन समाप्त कर दिया था। करीब 12,000 सैनिक अभी भी प्रशिक्षण प्रक्रिया के भाग के रूप में अफगानिस्तान में जमे हुए हैं। इनमें से अधिकांश सैनिक अमेरिकी हैं।
लाघमन प्रांत में गुरुवार सुबह शवयात्रा के दौरान हुए एक आत्मघाती हमले में 12 अफगानी नागरिक व चार पुलिस अधिकारी मारे गए थे। वहीं, गजनी प्रांत में बुधवार को एक सुरक्षा चौकी पर हुए हमले में सरकार समर्थित 11 सुरक्षाबल व कई हमलावर मारे गए थे।
अन्तर्राष्ट्रीय
कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित
नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।
एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।
कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।
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