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अन्नाद्रमुक महासचिव बनने के मुद्दे पर शशिकला अभी चुप

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shashikala newचेन्नई। तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की करीबी सहयोगी वी. के. शशिकला का अभी भी अन्नाद्रमुक महासचिव पद संभालने के लिए अपनी सहमति देनी बाकी है। पार्टी ने इसकी जानकारी दी।

अन्नाद्रमुक प्रवक्ता सी. पोन्नइयन ने कहा, पार्टी के सदस्य उनसे दायित्व संभालने का आग्रह कर रहे हैं। वह सभी को धैर्यपूर्वक सुन रही हैं। उन्होंने अभी तक पार्टी पद संभालने का कोई संकेत नहीं दिया है। पोन्नइयन के अनुसार, शशिकला का यह रुख लग रहा है कि उन्हें महासचिव बनाने पर अन्नाद्रमुक सदस्यों के बीच पहले आम सहमति हो। इस पद पर दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता थीं।

पोन्नइयन ने कहा कि शशिकला इस मुद्दे पर पूरी तरह से खामोश हैं। पोइन्नयन ने कहा कि पार्टी की सामान्य परिषद नए महासचिव का चुनाव करेगी। पार्टी का नियम कहता है कि लगातार पांच साल तक पार्टी का सदस्य बने रहने पर ही कोई पार्टी का कोई पद संभाल सकता है। इस सवाल पर पोन्नइयन ने कहा कि अन्नाद्रमुक कार्यकारी परिषद को नियमों में संशोधन की शक्ति दी गई है।

कुछ ही साल पहले तत्कालीन अन्नाद्रमुक महासचिव जयललिता ने शशिकला और कुछ अन्य लोगों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से बर्खास्त कर दिया था। लेकिन, बाद में उन्हें वापस ले लिया गया था।
शशिकला के खिलाफ सर्वोच्च अदालत में मामले लंबित होने के सवाल पर अन्नाद्रमुक प्रवक्ता ने कहा कि वह विजयी होंगी। इससे पहले संवाददाताओं से बात करते हुए पोन्नइयन ने कहा कि पूरी अन्नाद्रमुक चाहती है कि शशिकला पार्टी की महासचिव बनें।

नेशनल

सीएम योगी का सपा पर निशाना, कहा- इनके शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे

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उन्नाव। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को उन्नाव में एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस और सपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सपा-कांग्रेस का इतिहास प्रभु श्रीराम का विरोध करने वाला रहा है। कांग्रेस कहती थी कि प्रभु राम का अस्तित्व ही नहीं है। वहीं, दूसरी तरफ सपा कहती थी कि अयोध्या में एक भी परिंदा पर नहीं मार सकता है, यह इनका दोहरा चरित्र है। सपा के शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे।

सीम योगी ने कहा कि इन लोगों ने अयोध्या, रामपुर में सीआरपीएफ कैंप, काशी में संकटमोचन मंदिर, लखनऊ, अयोध्या और वाराणसी की कचहरी पर हमला करने वाले आतंकियों के मुकदमे वापस लेने का प्रयास किया था। जिस पर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि आप इनके मुकदमे वापस लेने की बात कह रहे हैं और कल इन्हें पद्म पुरस्कार से नवाजेंगे।”

उन्होंने कहा कि अयोध्या में जहां एक ओर रामलला विराजमान हो गए हैं। वहीं, दूसरी ओर बड़े-बड़े माफिया की ‘राम नाम सत्य’ हो रही है। इंडिया गठबंधन पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि इनके मेनिफेस्टो में अल्पसंख्यकों को खाने-पीने की पूरी स्वतंत्रता देने की बात कही गई है। यह जनता को नहीं बता रहे हैं कि ऐसा कौन सा खान-पान है जो बहुसंख्यक समाज नापसंद करता है। बहुसंख्यक समाज गोमाता की पूजा करता है और वह गोकशी को बर्दाश्त नहीं कर सकता है।

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