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अन्तर्राष्ट्रीय

अच्छे या बुरे आतंकवाद की धारणा गलत : मोदी

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सैन होजे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अच्छे या बुरे आतंकवाद की धारणा गलत, सैप सेंटर

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सैन होजे| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद में अच्छे या बुरे के आधार पर भेदभाव की धारणा को गलत करार देते हुए कहा कि आतंकवाद हमेशा बुरा होता है। इसे अच्छे आतंकवाद या बुरे आतंकवाद की श्रेणी में नहीं बांटा जा सकता। आतंकवाद से निपटन के लिए कोई ठोस रणनीति नहीं बना पाने के लिए संयुक्त राष्ट्र की आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब यह वैश्विक संस्था इतना महत्वपूर्ण लेने में अधिक वक्त लगाएगी तो इस खतरे से आखिर किस प्रकार निपटा जा सकेगा। यहां सैप सेंटर में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने उम्मीद जताई कि संयुक्त राष्ट्र जल्द ही इस बारे में निर्णय लेगा कि आतंकवाद से किस प्रकार निपटा जा सकता है।

उत्साहित भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “यदि हम आतंकवाद को लेकर किसी समझौते पर नहीं पहुंच पाते हैं तो मानव जाति का बचाव नहीं कर सकते। आतंकवाद, आतंकवाद है, इसमें अच्छे या बुरे आतंकवाद के आधार पर कोई भेद नहीं है।” अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के साथ कुछ साल पहले हुई अपनी मुलाकात व बातचीत का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि वर्ष 1993 में जब उन्होंने अमेरिकी अधिकारियों से कहा था कि भारत आतंकवाद से पीड़ित है, तो उन्होंने इसे मानने से इंकार करते हुए इसे केवल कानून एवं व्यवस्था की समस्या बताया था। बकौल मोदी, अमेरिका खुद वर्ष 2001 में आतंकवादी हमले का शिकार हुआ, जिसके बाद आतंकवाद के मुद्दे पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के सुर बदल गए।

प्रधानमंत्री ने कहा, “.. मेरा देश पिछले 40 वर्षो से आतंकवाद से पीड़ित है।” उन्होंने इस मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उठाने की बात करते हुए कहा, “दुनिया को यह समझना होगा कि आतंकवाद किसी को भी कहीं भी अपना शिकार बना सकता है और यह विश्व की जिम्मेदारी है कि इसे समझें और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हों।” मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के 70 साल पूरे होने के आवसर पर यह इस वैश्विक संस्था की जिम्म्मेदारी है कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हो और इससे लड़े, ताकि दुनिया शांतिपूर्वक रह सके। उन्होंने कहा, “मैं महात्मा गांधी और भगवान बुद्ध की भूमि से आता हूं, जो शांति के आदर्श हैं।”

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भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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