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अगर लोग चाहेंगे तो राजनीति में आऊंगा : हार्दिक पटेल

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नई दिल्ली। पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) के नेता हार्दिक पटेल ने बुधवार को कहा कि अगर लोग चाहेंगे तो वह राजनीति में शामिल होंगे। पटेल ने हाल ही में अखिल भारतीय पटेल नवनिर्माण सेना (एबीपीएनएस) के गठन का ऐलान किया है।

पटेल ने कहा, “जब समय आएगा तब राजनैतिक कदमों के बारे में सोचा जाएगा। मैं अकेले फैसला नहीं ले सकता। हम सब मिलकर फैसला करेंगे।” 22 साल के हार्दिक ने गुजरात में पटेलों को आरक्षण देने के लिए आंदोलन छेड़ रखा है। उन्होंने पटेल नवनिर्माण सेना का गठन कुर्मी, मराठा, पाटीदार और गुज्जर समुदाय को एक झंडे के नीचे लाने के लिए किया है। इसका मकसद “किसानों, मजदूरों, महिलाओं और युवाओं के हितों के लिए काम करना है।”

अखिलेश कटियार को एबीपीएनएस का महासचिव बनाया गया है। कटियार भाजपा की सहयोगी लोक समता पार्टी के सदस्य हुआ करते थे। दिल्ली में पटेलों की पहली सभा आयोजित करने पर उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था। हार्दिक ने कहा कि अक्टूबर में दिल्ली के रामलीला मैदान में कुर्मियों, पाटीदारों, गुज्जरों और मराठों की रैली होगी। उन्होंने कहा, “हम अपने कुर्मी भाईयों में जागरूकता पैदा कर इस संगठन से जुड़ने के लिए प्रेरित करेंगे।”

हार्दिक से पूछा गया कि पीएएसएस गुजरात में अच्छा काम कर रही, फिर नए संगठन की जरूरत क्यों पड़ी? जवाब में हार्दिक ने कहा, ” पीएएसएस गुजरात में पटेलों के आरक्षण के लिए लड़ रही है। एबीपीएनएस एक गैर राजनैतिक संगठन है जिसका मकसद 27 करोड़ कुर्मी, मराठा, पाटीदार और गुज्जरों को एकजुट करना है।” उन्होंने कहा कि अगर जाट समुदाय उनसे संपर्क करेगा तो वह जाटों को भी संगठन में शामिल करेंगे।

उन्होंने कहा कि बिहार के चुनाव में उनका समर्थन जद-यू को नहीं बल्कि नीतीश कुमार को है क्योंकि नीतीश उनके समुदाय के हैं। हार्दिक ने कहा कि आरक्षण का आधार “सिर्फ और सिर्फ जाति होनी चाहिए, कुछ और नहीं।” उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि आरक्षण का आधार आर्थिक होना चाहिए। हार्दिक ने कहा कि एबीपीएनएस कुर्मी समुदाय को झारखंड, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में आरक्षण दिलाने के लिए लड़ेगी। उन्होंने कहा कि कुर्मी समुदाय ने गुजरात में उनकी लड़ाई में साथ देने का वादा किया है।

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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