प्रादेशिक
खराब लॉ-एंड-ऑर्डर पर योगी का हंटर, 74 IAS का ट्रांस्फर
लखनऊ। यूपी में लचर कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 74 आईएएस अफसरों का तबादला कर दिया। शुक्रवार देर शाम यह बड़ा फैसला लेते हुए प्रमुख सचिव गृह देवाशीष पांडा को हटा दिया गया। उनके स्थान पर अरविंद कुमार प्रमुख सचिव गृह होंगे।
विपक्ष ने सरकार को घेरा
बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र के पांचवें दिन भी शुक्रवार को कानून व्यवस्था को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार को घेरने की कोशिश की थी। कानून व्यवस्था पर चर्चा को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में नोंक-झोंक भी हुई। इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन से बहिर्गमन किया।
सुबह विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस के सदस्यों ने मथुरा में सर्राफा व्यापारियों की हत्या को कानून-व्यवस्था से जोड़ते हुए हंगामा किया। कांग्रेस के सदस्यों नियम 311 के तहत सदन में कानून-व्यवस्था को लेकर चर्चा कराने की मांग की, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने इसे अस्वीकार कर दिया।
अध्यक्ष के मना करने के बाद कांग्रेस के सदस्यों ने सदन से बहिगर्मन किया। सदन में कांग्रेस के नेता अजय कुमार सिंह लल्लू ने कहा कि सरकार कानून व्यवस्था के मुद्दे पर चर्चा कराने से भाग रही है। उप्र की राजधानी लखनऊ में सरेआम एक आईएएस अधिकारी की हत्या कर दी गई।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक कैडर का अधिकारी जब तक कर्नाटक में था तब तक वह सुरक्षित था, लेकिन जैसे ही वह उप्र में आया, यहां की बदहाल कानून व्यवस्था का शिकार हो गया।
लल्लू ने कहा कि मथुरा में सर्राफा व्यवसायियों की हत्या के बाद पूरे प्रदेश की कानून-व्यवस्था का बुरा हाल है। पूरे प्रदेश के सर्राफा व्यापारी शुक्रवार को हड़ताल पर हैं।
गौरतलब है कि पहले विधानसभा सत्र 22 मई तक चलना था, लेकिन कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में फैसला हुआ कि सत्र शुक्रवार को ही खत्म होगा। आज विधानसभा सत्र का पांचवां और अंतिम दिन है।
प्रादेशिक
गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक
अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।
इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।
हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।
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