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साइंस

बस्तर के युवा ने बनाया सुपर कंप्यूटर

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जनजाति बहुल बस्तर, नक्सल हिंसा, सुपर कंप्यूटर, 22 वर्षीय शाद मेमन, 'मेन ब्रेन सिमुलेशन'

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जनजाति बहुल बस्तर, नक्सल हिंसा, सुपर कंप्यूटर, 22 वर्षीय शाद मेमन, 'मेन ब्रेन सिमुलेशन'

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जगदलपुर। जनजाति बहुल बस्तर को बतौर नक्सल हिंसा, देश में ज्यादा जाना और पहचाना जाता रहा है, मगर आपको हम बस्तर के एक ऐसे युवा की जीवनी बताने जा रहे हैं, जिसने महज 22 वर्ष की उम्र में ही वह मुकाम हासिल कर लिया, जिसकी चाह लगभग सभी रखते हैं।

जी हां, शहर के 22 वर्षीय शाद मेमन ने आईटी (कंप्यूटर साइंस) के क्षेत्र में ऐसी उपलब्धियां हासिल की हैं, जिन्हें सुनकर कोई भी अपने दांतों तले उंगली दबा लेगा। डिजिटल अन्वेषण और पेटेंट्स को आसमां की बुलंदियों पर ले जाकर मेमन इस देश की सेवा करने का जज्बा रखते हैं। ‘मेन ब्रेन सिमुलेशन’ पर इन्होंने सुपर कंप्यूटर पर दो पेटेंट अपने नाम किया है।

इंजीनियरिंग के बाद शाद कंप्यूटर साइंस में पीएचडी करने के लिए अमेरिका जाना चाहते हैं। जगदलपुर से 2012 में 12वीं की परीक्षा के बाद शाद ने पुणे के डी.वाई. पाटिल कॉलेज से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल होने तक वह 700 ज्यादा प्रोजेक्ट तैयार कर चुके थे। इसके अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में पीएचडी लेवल तक की लगभग सभी किताबें वह पढ़ चुके हैं।

शाद के अनुसार, वह विश्व के लगभग सभी डोमेन पर काम कर चुके हैं, सिम कार्ड से लेकर सुपर कंप्यूटर तक सभी प्रकार के प्रोजेक्ट तैयार कर चुके हैं। वह रोजाना 12 घंटे कंप्यूटर पर ही काम कर अपना समय बिताया करते थे।

फिलहाल, शाद अपने नए प्रोजेक्ट लाइफ असिस्टिंग सिस्टम पर शोध कर रहे हैं, जिसमे वॉइस एक्टिवेशन द्वारा कंप्यूटर को चलाया जा सकेगा। इस शोध के पूरा हो जाने पर एक नौकर द्वारा किए जाने वाले लगभग सभी कार्य एक कंप्यूटर द्वारा करवाया जा सकेगा।

वह आईटी क्षेत्र को उस मुकाम पर ले जाना चाहते हैं जिससे घर बैठे-बैठे सभी बड़े काम आसानी से किए जा सकेंगे। राइस मिल व मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के लिए उन्होंने ऑटो मैनेज्ड सिस्टम तैयार किया है।

भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों ने शाद की प्रतिभा को काफी सराहा है, जिसमें पहला सुपर कंप्यूटर परम-8000 के निर्माता पी. भाटकर, ग्लोबल रिसर्च एलाइंस के अध्यक्ष व पहला पेटेंट हासिल करने वाले आर.ए. माशेलकर, जेनसर टेक्नोलॉजीज इंडिया के चेयरमैन गणेश नटराजन और परसिस्टेंट सिस्टम के सीईओ आनंद देशपांडे भी हैं।

शाद अपने नाम पर दो पेटेंट करवा चुके हैं और उनका कहना है कि भारत में इस विषय पर लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं हैं। चीन के पास 3 लाख से ज्यादा पेटेंट हैं और भारत के पास महज 4.5 हजार ही पेटेंट रजिस्टर्ड हैं। शाद एक माध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं और आगे की पढ़ाई के लिए उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

उन्होंने बताया कि रिसर्च के लिए आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में सरकार द्वारा अलग से फंड की व्यवस्था है, लेकिन छत्तीसगढ़ में ऐसी कोई सुविधा नहीं है और वह चाहते हैं कि बस्तर की ऐसी प्रतिभाओं के लिए सरकार अलग से रिसर्च फंड की व्यवस्था करे।

ऑटोमोबाइल

इन आसान उपायों से आप आसानी से बढ़ा सकते हैं अपनी बाइक का माइलेज

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easily increase the mileage of your bike in summer

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नई दिल्ली। जिन बाइक ओनर को माइलेज को लेकर शिकायत रहती है, उनकी शिकायत अब दूर होने वाली है, क्योंकि हम आज आपको बताने जा रहे हैं उन खास टिप्स के बारे में, जिनको फॉलो करके आप अपनी मोटरसाइकिल की माइलेज आसानी से बढ़ा सकते हैं।

बाइक सर्विसिंग

अन्य मौसम की तुलना में गर्मियों में मोटरसाइकिल को ज्यादा सर्विसिंग की जरूरत पड़ती है। गर्मी ज्यादा पड़ने की वजह से मोटरसाइकिल के पार्ट्स को ज्यादा नुकसान होता है। ऐसे में सर्विसिंग समय से करवाएं और जरूरी पार्ट्स को भी जरूर चेंज करवाएं।

टॉप स्पीड पर जानें से बचें

अगर आप अपनी बाइक से अच्छे माइलेज की उम्मीद करते हैं, तो उसे एक ही स्पीड में चलाएं। इससे वाहन के इंजन पर अधिक लोड नहीं आता और वो बिना ज्यादा पेट्रोल जलाए अच्छा माइलेज प्रदान करता है। इसके अलावा क्लच दबा कर गाड़ी चलाने और बार-बार ब्रेक लगाने से भी माइलेज पर खराब असर पड़ता है।

ट्रैफिक सिग्नल पर इंजन करें बंद

अगर आप सिटी राइड कर रहे हैं तो आपको थोड़ा अधिक सचेत रहने की जरूरत है। सिटी राइडिंग के दौरान ट्रैफिक सिग्नल्स अधिक पड़ते हैं। अगर आप किसी रेड लाइट पर पहुंचते हैं तो गाड़ी के इंजन को बंद कर दें। इससे माइलेज पर काफी असर पड़ेगा।

लो RPM पर रखें बाइक

अपनी बाइक के RPM को मिनिमम रखें। अगर बाइक की रेस ज्यादा है तो यह ज्यादा ईंधन की खपत करेगी। इसके अलावा यह स्टार्ट होने पर खड़े-खड़े भी ज्यादा ईंधन की खपत करेगी। बेवजह रेस देने से बचें।

गियर शिफ्टिंग करें स्लो

गियर शिफ्टिंग अगर तेज की जाए तो इससे इंजन पर ज्यादा दबाव पड़ने लगता है और दबाव ज्यादा होने की वजह से फ्यूल कंज्यूमिंग बढ़ जाती है। ऐसे में आपको गियर शिफ्टिंग स्लो करनी चाहिए।

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