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अन्तर्राष्ट्रीय

रिपब्लिकन पार्टी की स्वीकार्यता घटी

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वाशिंगटन, 25 सितम्बर (आईएएनएस)| रिपब्लिकन पार्टी की स्वीकार्यता दर में काफी गिरावट दर्ज की गई है। सीएनएन के एक सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि रिपब्लिकन पार्टी के इतिहास में इस सर्वेक्षण में पहली बार स्वीकार्यता दर में इतनी गिरावट दर्ज की गई है। सर्वेक्षण के अनुसार, 10 में से केवल तीन यानी 29 प्रतिशत अमेरिकियों ने ही पार्टी के पक्ष में अपना समर्थन जताया है। सीएनएन के वर्ष 1992 से इस मुद्दे पर सर्वेक्षण कराए जाने के बाद यह रिपब्लिकन पार्टी के लिए सबसे कम ‘स्वीकार्यता दर’ है।

इससे पहले पार्टी की सबसे कम लोकप्रियता अक्टूबर 2013 में पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के स्वास्थ्य देखभाल कानून का विरोध करने पर और दूसरी बार दिसंबर 1998 में प्रतिनिधि सभा की ओर से पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के खिलाफ महाभियोग के लिए दो अनुच्छेदों को मंजूरी देने की वजह से हुई थी। दोनों समय पार्टी की लोकप्रियता 30 प्रतिशत थी।

वहीं पार्टी नेतृत्व की लोक प्रियता में भी 20 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।

सर्वेक्षण के अनुसार, इस बीच रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों पार्टियों से असंतुष्टों के प्रतिशत में इजाफा हुआ है। 10 अमेरिकियों में से लगभग छह यानी 59 प्रतिशत लोग दोनों पार्टियों से असंतुष्ट हैं। वहीं केवल 23 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि वे केवल एक पार्टी से नाराज हैं।

अगले वर्ष होने वाले मध्यावधि चुनाव पर अगर गौर किया जाए तो डेमोक्रेट सर्वेक्षण में बढ़त मिलने से उत्साहित हैं, क्योंकि पार्टी प्रतिनिधि सभा और सीनेट में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है।

सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग 24 प्रतिशत डेमोक्रेट सदस्यों ने कहा कि वे अगले वर्ष होने वाले चुनाव को लेकर काफी उत्साहित हैं। वहीं केवल 14 प्रतिशत रिपब्लिकन ने कहा कि वे चुनाव को लेकर काफी उत्साहित हैं।

सर्वेक्षण से पता चला है कि रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप को अपने एकमात्र नेता के रूप में देखते हैं। वहीं पांच में से एक डेमोक्रेट सदस्य ने यह नहीं बताया कि कौन-सा नेता पार्टी के मूल मूल्यों को प्रतिबिंबित करता है।

इस सूची में सबसे लोकप्रिय पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा हैं, जिन्हें 18 प्रतिशत डेमोक्रेट ने अपनी पहली पसंद बताया है। वहीं इसके बाद अनुभवी सीनेटर बर्नी सैंडर्स 14 प्रतिशत मत के साथ दूसरे स्थान पर रहे, जबकि 2016 में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार रहीं हिलेरी क्लिंटन को केवल 10 प्रतिशत लोगों ने अपना समर्थन दिया है। पूर्व उपराष्ट्रपति जो बिडेन को सात प्रतिशत मत मिला है।

सीएनएन ने यह सर्वेक्षण 17 से 20 सितंबर के बीच 1053 युवाओं को टेलीफान कर रैंडम नेशनल सैंपल के आधार पर किया था।

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अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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