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सवाल ईवीएम का नहीं लोकतंत्र की पवित्रता का है
सवाल विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की पवित्रता का है, उससे भी बड़ा, विश्वसनीयता और आरोप-प्रत्यारोप का है। सवाल यह भी नहीं कि नौ मई को दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में जो हुआ वो अपराध की श्रेणी में आता है या किसी साजिश का हिस्सा? सवाल बस इतना है कि क्या हर तरीके से सुरक्षित कही और माने जाने वाली ईवीएम में छेडख़ानी संभव है?
यही बात आम आदमी पार्टी सहित कई राजनैतिक दल, काफी पहले से कह रहे थे। यह भी नहीं भूलना चाहिए कि 2009 में भाजपा ने भी इसे मुद्दा बनाया था। कुल मिलाकर सभी पार्टियों के निशाने पर कभी न कभी ईवीएम ही रही हैं। लेकिन आज दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में, आम आदमी पार्टी के विधायक सौरव भारद्वाज के दिए लाइव डेमो के बाद तहलका मचना था, मचा भी आगे और मचेगा।
सवाल फिर वही कि ईवीएम कितनी सुरक्षित, उससे बड़ा सवाल यह कि तकनीक के इस खेल में कौन बड़ा, तकनीक का ईजाद करने वाला या उसका तोड़ निकालने वाला, जिसे आम तौर पर हैकर कहते हैं। कुछ भी हो, यह तो लोगों के सामने प्रश्न बनकर खड़ा ही हो गया है कि केवल कोड के सहारे चलने वाले सॉफ्टवेयर को हैक कर या डिकोड कर मनमाफिक कोडिंग करके, मनचाहे नतीजे लिए जा सकते हैं।
हालांकि शाम होते-होते ईवीएम मशीन के समर्थन में, उसकी विश्वसनीयता और किसी भी प्रकार की छेडख़ानी किए जाने की बात पर चुनाव आयोग के कुछ पूर्व अधिकारी काफी तल्ख भाषा में आम आदमी पार्टी के इस डेमो पर बोलते नजर आए। लेकिन जिस संजीदगी और विश्वास के साथ सौरव ने आज डेमो दिया, उससे आम लोगों को यह तो समझ आता है कि तकनीक से छेडख़ानी असंभव नहीं। शायद यही समझाने की कोशिश सौरव ने भी की।
सौरव का आत्मविश्वास कहें या अति उत्साह गुजरात चुनाव के पहले मशीनें मिल जाएं तो वो भी कारनामा दिखाने की बात कह उन्होंने ईवीएम के भविष्य पर, गंभीर सवाल जरूर खड़े कर दिए हैं। विधानसभा में भिंड, राजस्थान के उदाहरण दिए गए।
हाल ही में उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा विकासनगर की सभी मशीनों सहित राज्य के छह और विधानसभा क्षेत्रों की मशीनों को 48 घंटे में सील करने का आदेश और परिपालन में 2446 मशीनों का सील होने को भी इसी से जोड़ा जा रहा है। लेकिन यह भी सच है कि 2010 में जीवीएल नरसिम्हा राव जो भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता तथा चुनाव मामलों के विशेषज्ञ हैं की एक किताब सामने आई थी, जिसका नाम ‘डेमोक्रेसी एट रिस्क, कैन वी ट्रस्ट ऑर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन?’ है।
इसमें भी कई गंभीर प्रश्न उठाए गए थे। इसी तरह 2009 में चुनाव परिणामों के बाद, भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी आरोप लगाया था कि 90 सीटों पर ईवीएम फ्रॉड के जरिए ही कांग्रेस जीत सकी थी जो असंभव था।
ईवीएम पर आम आदमी पार्टी के अलावा मायावती, लालू यादव, ममता बनर्जी और खुद भाजपा-कांग्रेस के लोग भी आरोप लगा चुके हैं। ऐसे में आज का डेमो लोकतंत्र की अग्नि परीक्षा जैसे ही कहा जाएगा।
हालांकि बीते 19 अप्रैल को ही, चुनाव आयोग ने साफ कर कर दिया था कि 2019 के आम चुनाव वीवीपीएटटी मशानों से होंगे, जिसमें मतदाता अपने वोट का प्रिंट भी देख सकेंगे जो कि एक बॉक्स में जमा होगा। इसके लिए केंद्र ने तीन हजार करोड़ रुपये देने की बात कही है। इसमें मतदान की विश्वसनीयता मशीनी गणना और मतपर्ची दोनों से हो सकेगी। लेकिन दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर अभी हंगामा होना बाकी है।
ईवीएम को लेकर नया खेल तो अभी शुरू हुआ है, लेकिन सवाल भारतीय लोकतंत्र की विश्वसनीय मतदान प्रणाली पर जरूर उठ गया है, जिससे कुहासा हटाना बेहद जरूरी है।
आध्यात्म
शिवरात्रि में पी जाने वाली ठंडाई के हैं कई फायदे, जानिए बनाने की विधि
महाशिवरात्रि के पर्व पर सभी की लोकप्रिय होती है ठंडाई। बढ़ती गर्मी से हाल बेहाल हो जाता है। ऐसे में आपको अपने दिमाग और शरीर को अगर ठंडा रखना है तो रोज ठंडाई पीएं। ठंडाई पीने गर्मियों में होने वाली कई तरह की परेशानियां भी दूर हो जाती है। ठंडाई पीने के कई फायदे हैं लेकिन सबसे खास बात ये है कि ठंडाई से आपकी इम्यूनिटी भी बढ़ती है। गर्मियों में अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए आप काढ़ा पीने की जगह ठंडाई पी सकते हैं। इससे आपके शरीर को भी ठंडक मिलेगी और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। जानते हैं ठंडाई के फायदे और बनाने का तरीका।
ठंडाई के फायदे
1- इम्यून सिस्टम मजबूत होगा-
गर्मी से राहत दिलाने वाली ठंडाई पीने से इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है। ठंडाई में केसर होती है जो एंटी डिप्रेशन और एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करती है।
2- कब्ज दूर होगी-
ठंडाई पीने से पेट में कब्ज की शिकायत भी नहीं होती है। ठंडाई में खसखस होता है जिसमें प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, फैट और मिनरल्स भरपूर मात्रा में होते हैं। इससे पेट की जलन की समस्या दूर हो जाती है और कब्ज भी नहीं होती है।
3-पाचन क्रिया मजबूत-
ठंडाई न सिर्फ स्वादिष्ट होती है बल्कि पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाती है। ठंडाई में सौंफ का इस्तेमाल किया जाता है। जिसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी के गुण काफी पाए जाते है। सौंफ से पाचन क्रिया मजबूत होती है और पेट भी ठंडा रहता है।
4- पेट फूलने और ब्लोटिंग में आराम-
ठंडाई में मेथी और सौंफ भी मिलाया जाता है जिससे पाचन क्रिया मजबूत होती है और ब्लोटिंग की समस्या भी नहीं होती। पेट फूलने की समस्या भी ठंडाई पीने से दूर हो जाती है।
5- एनर्जी मिलेगी-
गर्मियों में ठंडाई पीने से शरीर को तुरंत एनर्जी मिलती है। ठंडाई में तरबूज के बीज, कद्दू के बीज, बादाम और पिस्ता जैसे चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। जिनसे शरीर को एनर्जी मिलती है।
ठंडाई बनाने की सामग्री
ठंडाई बनाने के लिए आपको 1 लीटर दूध, आधा कप बादाम, 6 चम्मच खसखस, सौंफ आधा कप, 2 चम्मच काली मिर्च, 5 हरी इलाएची, 2 चम्मच काली मिर्च, 4 चम्मच तरबूज के बीज, 4 चम्मच खरबूजे के बीज, 4 चम्मच ककड़ी के बीज, और स्वाद के हिसाब से चीनी चाहिए.
ठंडाई बनाने की विधि
खसखस, बादाम, खरबूजे, तरबूजे और ककड़ी के, सौंफ, काली मिर्च और इलाएची को रातभर पानी में भिगो दें. अब सुबह बादाम को छीलकर और बाकी सारे सामान को एक साथ पीस लें. दूध उबालें और उसमें चीनी ठंडा होने रख दें. अगर केसर है तो थोड़ी डाल सकते हैं. अब दो गिलास पानी लेकर धीरे-धीर ड्राइफूट्स के पेस्ट में डालकर किसी बारीक कपड़े या छन्नी से छानते रहें. पूरा छनने के बाद अब इस पानी में ठंडा दूध में मिला दें. थोड़ी देर इसे फ्रिज में रखें और ऊपर से बर्फ के टुकड़े डालकर सर्व करें.
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