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मुख्य समाचार

यूपी में डेंगू के मरीजों की संख्या तीन हजार पार, लखनऊ में 350

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Dengue patientलखनऊ। उत्तर प्रदेश में राजधानी लखनऊ सहित पूरे प्रदेश में डेंगू का प्रभाव लगातार फैलता जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, केवल लखनऊ में डेंगू से पीडि़त लोगों की संख्या 350 को पार कर गई है, जबकि पूरे प्रदेश में यह आंकड़ा तीन हजार तक पहुंच गया है।

स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया, पूरे प्रदेश में डेंगू की वजह से अब तक लगभग 3,303 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। अभी तक 110 लोगों के मरने की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, लखनऊ के सिविल अस्पताल में अब तक लगभग 2,217 लोग डेंगू का परीक्षण करवा चुके हैं, जिनमें 701 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई। वहीं, 25 से ज्यादा मरीज गंभीर हालत में सिविल अस्पताल में भर्ती हैं। इसी तरह बलरामपुर अस्पताल में अब तक 4,500 लोगों ने डेंगू का परीक्षण करवाया है, जिसमें 290 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई। 35 मरीज अभी अस्पताल में भर्ती हैं।

अधिकारी ने बताया कि इसी तरह डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में 1,780 लोगों ने डेंगू की जांच करवाई, जिसमें प्राथमिक जांच के बाद 424 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई। डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आला अधिकारियों को प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं, जिसके बाद अधिकारी अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर संबंधित चिकित्सकों और कर्मचारियों को अपनी जिम्मेदारियों के निर्वाह को लेकर आगाह कर रहे हैं।

लखनऊ में डेंगू से बचाव को लेकर जागरुकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। अधिकारियों को इस बात की आशंका है कि दीपावली तक डेंगू से पीड़ित मरीजों की संख्या में और इजाफा हो सकता है। तापमान में लगातार उतार-चढ़ाव की वजह से मच्छरों को पनपने में मदद मिल रही है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग इन मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए हर संभव कदम उठा रहा है।

लखनऊ के मुख्य चिकित्साधिकारी एस.एन.एस. यादव के मुताबिक, लखनऊ में कई जगहों पर फॉगिंग कराई जा रही है। शहर के विभिन्न हिस्सों में यह अभियान चलाया जा रहा है, ताकि डेंगू मच्छरों को पनपने से रोका जा सके। डेंगू के ज्यादातर मामले बाहरी इलाकों से आ रहे हैं। डेंगू को लेकर प्रशासन गंभीर है और हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।

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नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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