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मच्छर काटने से मौत होने पर मिला इंश्योरेंस का पैसा

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नई दिल्ली। मच्छरों का काटना कितना गंभीर मुद्दा है, इसे राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के एक ताजा फैसले से समझा जा सकता है, जिसमें आदेश दिया गया कि मच्छर काटने से एक व्यक्ति की मौत हो गई तो उसकी पत्नी बीमा राशि की हकदार है।

दक्षिण दिल्ली नगर निगम के अनुसार, इस साल एक जनवरी के बाद तीन माह के भीतर इस क्षेत्र में 79 मामले चिकनगुनिया और 24 मामले डेंगू के दर्ज किए गए। इनमें से 11 मरीजों को यह संक्रमण पड़ोसी राज्यों से मिला।

आयोग ने अपने फैसले में कहा कि मच्छर का काटना एक दुर्घटना की तरह है, और इसके लिए बीमा कंपनी को मृतक की पत्नी को तत्काल बीमा राशि देनी चाहिए।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) व हार्ट केअर फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. के. के. अग्रवाल ने कहा, “मच्छरों की समस्या से निजात के लिए समाज के हर वर्ग को सामूहिक रूप से प्रयास करना होगा। हर भवन के आगे लिखा होना चाहिए कि वो मच्छरों से मुक्त है। जब आप किसी जगह आमंत्रित हों तो आप पूछें कि मुझे आशा है कि आपका भवन मच्छरों से मुक्त है। ऐसे ही, जब आप किसी को अपने यहां आमंत्रित करें तो लिखें कि आपका एक मच्छर-मुक्त घर में स्वागत है। हर घर के लिए यह हमेशा जरूरी होना चाहिए। जैसे हम अपने घर को रोज साफ करते हैं, इसी तरह मच्छर पनपने की जगहों की भी रोज सफाई होनी चाहिए।”

अग्रवाल ने बताया, “डेंगू के बारे में नए सिरे से विचार किया जाना चाहिए। हमें डेंगू बुखार का पता लगाने के लिए 20 का फॉर्मूला अपनाना चाहिए। उच्च रक्तचाप में 20 की गिरावट आती है। यदि हीमेटोक्रिट में 20 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हो तो प्लेटलेट्स में तेजी से गिरावट होती है, यह 20,000 से कम होने पर हीमेटाक्रिट में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी होती है।

यदि टूर्निकेट परीक्षण के बाद एक इंच में पेटेचियल की संख्या 20 से कम हो और यदि निम्न व उच्च रक्तचाप के बीच 20 से कम का अंतर हो तो ऐसे मरीजों को प्रति किलो 20 मिलीलीटर के हिसाब से तरल दिया जाना चाहिए। इसके बाद तब तक तरल देते रहना चाहिए जब तक मरीज मूत्र न करे। इस स्थिति से निपटने का यह महत्वपूर्ण कदम है।”

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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