अन्तर्राष्ट्रीय
बौद्ध सम्मेलन में दलाई लामा के शामिल होने पर भडक़ा चीन, भारत को चेतावनी
बीजिंग। चीन ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा के शामिल होने पर भारत सरकार के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। बिहार के राजगीर में बौद्ध धर्म पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन दलाई लामा और भारत के केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने संयुक्त रूप से किया था। सम्मेलन में भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी शिरकत की थी।
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, “हाल के दिनों में भारतीय पक्ष, चीन के तगड़े विरोध के बावजूद 14वें दलाई लामा को भारत सरकार के तत्वावधान में बौद्ध धर्म पर होने वाले एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में न्योता देने पर अड़ा रहा।”
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “हम भारतीय पक्ष से आग्रह करते हैं कि वह दलाई समूह के चीन विरोधी स्वभाव को साफ रूप से देखे..चीन की बुनियादी चिंताओं को समझे और चीन-भारत संबंधों को और बाधित तथा कमजोर करने से बचे।”
चीन दलाई लामा को अलगाववादी मानता है और किसी भी देश की सरकार द्वारा उन्हें औपचारिक रूप से निमंत्रण देने का तुरंत कड़ा विरोध जताता है।
1959 में अपनी मातृभूमि छोडक़र आने के बाद से दलाई लामा भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में रह रहे हैं। भारत में लगभग एक लाख तिब्बती भी निर्वासित जीवन बिता रहे हैं।
अप्रैल में 81 वर्षीय तिब्बती धर्मगुरु अरुणाचल प्रदेश जाने वाले हैं। इस भारतीय राज्य में दलाई लामा के कार्यक्रम पर चीन विरोध जताता रहा है।
अन्तर्राष्ट्रीय
जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत
नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।
इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।
उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।
डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
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