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देश की सभी विमान सेवाओं ने शिवसेना सांसद गायकवाड़ पर लगाई रोक

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मुंबई। एक अभूतपूर्व घटनाक्रम में एयर इंडिया और सभी निजी विमानन सेवाओं ने एयर इंडिया के अफसर से मारपीट के आरोपी शिवसेना सांसद रविंद्र गायकवाड़ के उड़ान भरने पर रोक लगा दी है। चौतरफा आलोचना और निंदा के बावजूद महाराष्ट्र के उस्मानाबाद के सांसद ने एयर इंडिया अधिकारी आर. सुकुमार को पीटने और विमान से धक्का देने की कोशिश करने के मामले में माफी मांगने से इनकार कर दिया है।

फेडरेशन ऑफ इंडियन एयरलाइंस (एफआईए) ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर बताया कि गायकवाड़ एयर इंडिया तथा अन्य निजी विमानन कंपनियों की उड़ानों से यात्रा नहीं कर पाएंगे। एफआईए के एसोसिएट निदेशक उज्जवल डे ने एक बयान में कहा, “एयर इंडिया और एफआईए की सभी सदस्य विमानन कंपनियों ने हमारी सभी उड़ानों से इस सांसद की यात्रा प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया है।”

उन्होंने कहा, “हमारा मानना है कि ऐसी घटनाओं से कर्मचारियों के मनोबल को गिरने से बचाने तथा सार्वजनिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ऐसा कदम उठाने की जरूरत है, जिससे सबक लिया जा सके।” डे ने कहा, “हमारा मानना है कि हमारे कर्मचारियों में से किसी के साथ भी मारपीट हम सभी तथा देश में कानून का पालन करने वाले उन सभी लोगों पर हमला है, जो अपनी आजीविका के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।”

इससे पहले गायकवाड़ पुणे लौटना चाह रहे थे लेकिन एयर इंडिया ने उनका टिकट रद्द कर दिया। इंडियन कमर्शियल पायलट एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि वह अपने सदस्यों को इस बात का निर्देश दे सकती है कि उस विमान को न उड़ाएं जिस पर गायकवाड़ सवार हों। एसोसिएशन ने कहा है कि गायकवाड़ अपनी हरकत के लिए बिना शर्त माफी मांगें।

गायकवाड़ पर रोक लगाने का यह निर्णय उनके द्वारा एयर इंडिया अफसर को ’25 बार’ चप्पल से मारने के बाद लिया गया। उन्होंने गुरुवार को इसे खुद स्वीकार किया कि उन्होंने ऐसा किया था। उनकी नाराजगी पुणे से दिल्ली की उड़ान में बिजनेस क्लास का टिकट होने के बावजूद उन्हें इकोनॉमी क्लास की सीट दिए जाने को लेकर थी।

घटना के वीडियो में गायकवाड़ को एयर इंडिया अधिकारी आर. सुकुमार को धक्का देते देखा जा रहा है, जबकि कर्मचारी उनसे बार-बार सही तरीके से व्यवहार करने की बात कह रहे हैं। यह पहली बार है जब घरेलू उड़ान के लिए किसी ‘उपद्रवी’ यात्री को प्रतिबंधित किया गया है। हालांकि अंतर्राष्ट्रीय तथा कुछ निजी भारतीय विमानन कंपनियों में यह सामान्य बात है।

एयर इंडिया ने गुरुवार देर शाम यह भी कहा था कि वह ऐसे यात्रियों को उड़ान से प्रतिबंधित करने की सूची तैयार कर रहा है, जो नियमों को नहीं मानते। इसके लिए अन्य विमानन कंपनियों से भी बात की जा रही है। इससे पहले एयर इंडिया ने गायकवाड़ के खिलाफ दो अलग-अलग एफआईआर भी दर्ज कराई। इनमें से एक मामला शिफ्ट मैनेजर की पिटाई और दूसरा गोवा के लिए निर्धारित विमान की उड़ान में देरी का है।

एयर इंडिया अफसर सुकुमार का कहना है कि पहले उन्होंने अंग्रेजी में सांसद से विमान से उतरने को कहा, लेकिन सांसद ने उनसे हिन्दी में बोलने को कहा। जब उन्होंने हिन्दी में बोलना शुरू किया तो गायकवाड़ उन पर भडक़ गए और उनकी पिटाई कर दी। शिवसेना सांसद ने गुरुवार और फिर शुक्रवार को भी माफी मांगने से इनकार किया। गुरुवार को उन्होंने खुद ही शेखी बघारी कि कैसे उन्होंने सुकुमार को 25 बार चप्पल से मारा। उन्होंने जोर देकर कहा कि एयरलाइन के कर्मचारी का रवैया खराब था। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे का समर्थन प्राप्त है।

गायकवाड़ ने कहा, “मैं माफी नहीं मांगूंगा। मैं क्यों माफी मांगूं? मेरी गलती नहीं है। पहले उन्हें माफी मांगनी चाहिए, फिर (हम) देखेंगे।” यह पूछे जाने पर कि उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है, फिर वह कैसे पुणे जाएंगे? सांसद ने कहा कि वह इन सबकी परवाह नहीं करते। उन्होंने कहा, “मामला किस तरह का है? मैं जाऊंगा। मेरे वकील, मेरी पार्टी और उद्धव ठाकरे साहब (शिवसेना अध्यक्ष) मामले को देखेंगे।”

गायकवाड़ ने नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू तथा लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से इस मामले की जांच कराने की भी मांग की है। राजू ने कहा, “राजनेता कानून से ऊपर नहीं होते।” बताया जाता है कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने गायकवाड़ से स्पष्टीकरण मांगा है। निजी विमानन कंपनी विस्तारा और एयर एशिया ने कहा कि वे पूरी तरह से एयर इंडिया के साथ हैं। इस तरह का मारपीट और गाली गलौच का व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

एफआईए ने ‘कानून का पालन नहीं करने वाले यात्रियों को उड़ान से प्रतिबंधित करने’ के लिए एक सूची तैयार करने का प्रस्ताव भी दिया है। इसका उद्देश्य ‘विमानन कंपनियों के कर्मचारियों तथा अन्य ग्राहकों की सुरक्षा’ है।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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