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अन्तर्राष्ट्रीय

हेगपिट तूफान से निपटने को यूएन एजेंसियां तैयार

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संयुक्त राष्ट्र| संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की एजेंसियां शनिवार को हेगपिट तूफान के फिलीपींस पहुंचने से पहले ही आपात प्रतिक्रिया के लिए तैयार हैं। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने शुक्रवार को बताया कि हेगपिट तूफान, जिसे रूबी के नाम से भी जाना जा रहा है, सप्ताहांत के दौरान मध्य फिलीपींस से गुजर सकता है। फिलीपींस के वायुमंडलीय, भूभौतिकीय एवं खगोलीय सेवा प्रशासन (पीएजीएएसए) के मुताबिक, हेगपिट तूफान शनिवार शाम मध्य फिलीपींस में पूर्वी और उत्तरी सेमार प्रांतों में तबाही मचा सकता है।

यूएन प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यालय (यूएनआईएसडीआर) के अनुसार, हेगपिट की संभावित भयावहता को देखते हुए मध्य फिलीपींस से लोगों को बड़े स्तर पर खाली करा लिया गया है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने शुक्रवार को बताया था कि मध्य फिलीपींस में संभावित तूफान से पहले लगभग 5,00,000 लोगों को खाली करा लिया गया है।

दुजारिक ने बताया, “मध्य फिलीपींस में लगभग एक करोड़ लोगों को बाढ़, तूफान और तेज हवाओं की चपेट में आने का खतरा है। तूफान से लगभग तीन करोड़ लोग प्रभावित होने वाले हैं।” प्रवक्ता ने बताया कि बच्चों और परिवारों की सहायता के लिए संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने बताया कि विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) ने भी आपात सहायता के लिए खाद्य भंडार और कर्मचारी तैयार कर रखे हैं।

यूनए प्रवक्ता के अनुसार, अनुमान है कि हेगपिट तूफान, पिछले साल आए हैयान तूफान की तरह उत्तर की ओर गति पकड़ेगा। हैयान तूफान इस सदी के बड़े तूफानों में से एक था। संयुक्त राष्ट्र के मानवीय समन्वयन कार्यालय (ओसीएचए) के अनुसार, फिलीपींस में आठ नवंबर 2013 को आए हैयान तूफान में हजारों लोगों की मौत हुई थी और लगभग 98 लाख लोग प्रभावित हुए थे। इस तूफान से लगभग 12 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था।

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अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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