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प्रादेशिक

हाईटेक हुईं यूपी की आशा बहुयें

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लखनऊ। यूपी की आशाओं और ए.एन.एम. को अखिलेश सरकार ने हाईटेक बनाने की तैयारी कर ली है। ज़च्चा-बच्चा की जाँच का पूरा रिकार्ड अब उनके स्मार्ट फोन और टैबलेट में होगा। उनका सारा काम ऑनलाइन होगा,किस आशा और ए.एन.एम. ने कितना काम किया है यह तो ऑनलाइन पता चल ही जाएगा साथ ही यह भी पता चल जायेगा कि किसे इंसेंटिव मिला और किसे नहीं मिला. यूपी सरकार की इस नई योजना से एक तरफ स्वास्थ्य विभाग से भ्रष्टाचार ख़त्म होगा तो दूसरी तरफ उन लोगों की पहचान भी हो सकेगी जो काम नहीं करते हैं। मुख्यमंत्री ने आज 50 आशाओं को स्मार्ट फोन से लैस कर भी दिया। एम-सेहत कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि हम जितना ज्यादा टेक्नालाजी की तरफ जायेंगे उतना ही भ्रष्टाचार पीछे छूटता जायेगा।  उन्होंने कहा कि इस नई सुविधा से गर्भवती महिलाओं की ठीक से देखभाल हो सकेगी और बच्चों की सेहत पर नज़र रखी जा सकेगी। बतौर अखिलेश यादव अभी हमारी एम्बुलेंस सेवा देश में सबसे बड़ी है,और अब एम-सेहत दुनिया की सबसे बड़ी परियोजना होगी।  मुख्यमंत्री ने कहा कि लैपटॉप, टैब और स्मार्ट फोन की बात करेंगे तो एक तरफ पूरा देश होगा और दूसरी तरफ अकेला उत्तर प्रदेश।

इस मौके पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन ने कहा कि मुख्यमंत्री ने आज दुनिया की सबसे बड़ी परियोजना शुरू की है।  उन्होंने कहा कि जब डेढ़ लाख आशाओं को स्मार्ट फोन मिलेगा तो तेज़ी से बदलाव आएगा।  उन्होंने बताया कि शिशु मृत्यु दर तेज़ी से घटी है, पहले यह 359 थी जो अब घटकर 250 रह गई है।

आपको बतादें की इन स्मार्ट फोन और टैबलेट में एक ऐसा एप डाला गया है जिसमें गर्भवती महिला का रिकार्ड दर्ज किया जायेगा. जिस तारीख को उस महिला की जांच होनी है उस तारीख को उस महिला का नाम लाल हो जायेगा. जब तक उस महिला को देखा नहीं जायेगा तब तक उसका नाम अन्य नामों की तरह से हरा नहीं होगा. इस तरह से आशाओं और ए.एन.एम. के काम पर नज़र रखी जा सकेगी। फिलहाल यह परियोजना यूपी के पांच शहरों फैजाबाद, मिर्ज़ापुर, सीतापुर, कन्नौज और बरेली में शुरू की गई है. आगे इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जायेगा। इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य राज्य मंत्री शंखलाल मांझी, नितिन अग्रवाल और राजेंद्र चौधरी के अलावा स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अरविन्द कुमार और प्रमुख सचिव सूचना नवनीत सहगल भी मौजूद थे।

 

उत्तर प्रदेश

यूपी के मिर्जापुर में भीषण गर्मी का कहर, चुनाव ड्यूटी पर लगे 13 कर्मचारियों की मौत से मचा हड़कंप

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मिर्जापुर। यूपी के मिर्जापुर में चुनाव ड्यूटी में लगे 13 मतदान कर्मियों की मौत से हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है सभी की मौत भीषण गर्मी की वजह से हुई है। यहां स्थित मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने यह जानकारी दी। मिर्जापुर स्थित मां विंध्यवासिनी स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजबहादुर कमल कहा कि मृतकों में सात होमगार्ड जवान, तीन सफाई कर्मचारी, सीएमओ कार्यालय में तैनात एक लिपिक, एक चकबंदी अधिकारी और होमगार्ड टीम का एक चपरासी शामिल है।

जिले में एक जून काे मतदान कराने के लिए नगर के पॉलिटेक्निक परिसर से फोर्स के साथ पोलिंग पार्टियों को रवाना किया जा रहा था। दोपहर दस बजे के बाद अचानक होमगार्ड्स, सिपाही, पीएसी के जवान व पैरामिलिट्री के कुछ जवान गश्त खाकर गिरने लगे। कोई पोलिंग पार्टी के साथ मतदान केंद्र पर पहुंचकर बेहोश हो गया। देखते ही देखते वह कोमा में चले गए। यह देख तत्काल वहां मौजूद अन्य लोग जवानों को लेकर अस्पताल पहुंचे। दोपहर दो बजे तक करीब 30 होमगार्ड्स, पीएसी व सीआरपीएफ के जवान भर्ती किए जा चुके थे।

वहीं, शाम चार बजते बजते 40 जवान भर्ती कर लिए गए। इसमें सात होमगार्ड्स के जवानों की मौत हो गई। मृतकों में गोंडा के बच्चाराम, प्रयागराज के त्रिभुवन सिंह, बस्ती के रहने वाले सत्य प्रकाश, गोंडा के रहने वाले रामजियावन, सिकंदरपुर महगांव कछार कौशांबी के रामकरन शामिल है। इनके अलावा भी 6 लोगों की मौत हुई है।

 

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