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स्वतंत्रता सेनानी के पड़पोते पर दुष्कर्म का आरोप

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नई दिल्ली, 24 जनवरी (आईएएनएस)| ‘स्वराज्य मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा’ का नारा देने वाले बाल गंगाधर तिलक के पड़पोते रोहित तिलक पर दुष्कर्म का आरोप लगा है।

इतना ही नहीं उस पर पीड़ित महिला को धमकाने के लिए तेजाब से हमला करवाने का भी आरोप है।

मुंबई उच्च न्यायालय की अधिवक्ता और पीड़ित महिला की वकील दीप्ति श्रीवत्सन काले ने बुधवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रोहित ने महिला को अविवाहित होने का झांसा दिया और उसके साथ संबंध बनाए और फिर ब्लैकमेल कर रुपये ऐंठे।

काले ने कहा कि रोहित के खिलाफ 17 जुलाई को धारा 376 (दुष्कर्म), 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध), 323 (नुकसान पहुंचाने), 504, 506 (धमकी देना), के तहत मुकदमा दर्ज किया गया, लेकिन 20 जुलाई को उसे अंतरिम अग्रिम जमानत मिल गई।

उन्होंने कहा कि पीड़ित महिला पर तेजाब हमला करवाया गया और केस वापस लेने के लिए धमकाया गया।

इस मामले में रोहित तिलक और जज पर पीड़ित की पहचान को जानबूझकर उजागर करने का भी आरोप है, जिससे आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 228 के तहत पुलिस को दी गई शिकायत को दबाया जा सके। इसके अलावा आरोपी ने पीड़ित को फोन कर आरोपी की अन्य महिलाओं के साथ नग्न तस्वीरों को उजागर करने के लिए पीड़ित को फोन पर गंदी-गंदी गालियां दी।

काले ने कहा कि पुणे के सूसन अस्पताल की ओर से जारी किया गया मेडिको लीगल सर्टिफिकेट भी कोर्ट में पेश किया गया। इसके अलावा 318 पेजों के प्रमाणित मैसेज और वीडियो भी कोर्ट में पेश किए गए। इसमें आरोपी की ओर से की गई मारपीट की तस्वीरें, आरोपी की नग्न सेल्फी, दुष्कर्म का साक्ष्य शामिल हैं। इसके अलावा रोहित की ओर दिया गया मंगलसूत्र और पीड़ित से पैसा एंठने के सबूत भी कोर्ट में पेश किए गए।

उन्होंने बताया कि इस मामले की सुनवाई में जज लता येंकर ने रोहित को मामले में पूरी मदद मुहैया कराते हुए पीड़ित का न केवल सरेआम अपमान किया, उस पर चीखी-चिल्लाई, बल्कि इस मामले की सुनवाई में कैमरे के इस्तेमाल से भी इनकार कर दिया।

काले ने कहा कि अब इस मामले में यह सवाल उठता है कि जब पीड़ित महिलाओं को प्रभावशाली आरोपी के खिलाफ कोर्ट से मदद नहीं मिलेगी तो पीड़ित इंसाफ के लिए किस का दरवाजा खटखटाएंगी।

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नेशनल

राजकोट गेम जोन अग्निकांड : फरार चल रहा चौथा आरोपी राजस्थान से गिरफ्तार, पुलिस ने 7 लोगों पर दर्ज किया है केस

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राजकोट। गुजरात के टीआरपी गेम जोन अग्निकाण्ड हादसे में फरार चल रहे एक और आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसकी गिरफ्तारी राजस्थान के सिरोही जिले के आबू रोड से हुई है। इस प्रकार अब तक मामले में चार आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पुलिस ने घटना में सात लोगों पर केस दर्ज किया है। गुजरात पुलिस को सूचना मिली थी कि हादसे से जुड़ा आरोपी राजस्थान में हो सकता है।

सोमवार रात करीब आठ बजे पालनपुर (गुजरात) की लोकल क्राइम ब्रांच की टीम ने आबूरोड शहर पुलिस की मदद से सदर बाजार स्थित कपड़े की एक दुकान पर दबिश दी और यहां से आरोपी धवलभाई पुत्र भरतभाई ठक्कर को हिरासत में लिया। उसे सिटी थाने लाया गया और यहां से पालनपुर क्राइम ब्रांच की टीम उसे लेकर राजकोट रवाना हो गई।

गौरतलब है कि राजकोट में अवैध रूप से संचालित गेम जोन में लगी भीषण आग से 12 बच्चों समेत 28 लोगों की मौत हो गई थी। हादसे में घायल कई लोग अब भी अस्पताल में जीवन व मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं। गुजरात पुलिस ने मामले में सात लोगों को आरोपी बनाया है। इनमें धवल ठक्कर, अशोक सिंह जडेजा, किरीट सिंह जडेजा, प्रकाशचंद हिरण, राहुल राठौड़, युवराज सिंह सोलंकी और मैनेजर नितिन जैन शामिल हैं।

पुलिस से तीन आरोपियों युवराज, राहुल और नितिन जैन को हादसे के बाद गिरफ्तार कर लिया था। उन्हें सोमवार को कोर्ट पेश किया गया। कोर्ट ने 14 दिनों की पुलिस कस्टडी में भेज दिया। पुलिस को अन्य आरोपियों की तलाश है। पुलिस को आशंका है कि आरोपी गुजरात से सटे राजस्थान में जा सकते हैं। इसलिए दोनों राज्यों की बॉर्डर से लगते थानों में अलर्ट किया गया है।

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