Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मनोरंजन

सिनेमा के माध्यम से सकारात्मकता फैलाना चाहता हूं: धनुष

Published

on

Loading

चेन्नई, 18 अगस्त (आईएएनएस)| अपने 17 साल लंबे करियर में अभिनेता धनुष ने एक विमुख कलाकार से लेकर एक बहुआयामी कालाकार तक का सफर तय किया है। अपनी नई तमिल फिल्म ‘वीआईपी 2’ की सफलता से खुश धनुष ने कहा कि वह अपनी फिल्मों से सकारात्मकता, प्रेम और उम्मीद फैलाना चाहते है।

धनुष ने याद किया, 16 वर्ष की आयु में मुझे मेरे पिता ने अभिनय की दुनिया में धकेला। मैं एक्टर बनने योग्य नहीं था। मेरे दिल में कुछ और करने की इच्छा थी। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मै इतना आगे पहुंचूंगा। इससे मुझे आश्चर्य होता है।

धनुष ने 2002 में अपने पिता कस्तूरी राजा की फिल्म ‘थुल्लुवाथो इलमई’ से तमिल फिल्मों में पर्दापण किया था।

धनुष ने यहां आईएएनएस से साक्षात्कार में कहा मैं एक कच्ची धातु की तरह था। मेरे पिता और मेरे भाई ने मुझे निखारा और मुझे अभी भी समझ नहीं आता कि उन्होंने मेरे अंदर ऐसा क्या देखा जो मैं खुद नहीं देख सका। मैं अपने आप को बहुत भाग्यशाली मानता हूं क्योंकि मेरे पेशे से मुझे पहचान मिली।

धनुष ना सिर्फ एक अभिनेता बल्कि एक लेखक, निर्देशक और गायक के रूप में भी विकसित हुए हैं।

लेखकों और निर्देशकों के परिवार से आने वाले धनुष की हमेशा से लेखन में रुचि थी।

हिंदी फिल्मकार राजकुमार हिरानी के बहुत बड़े प्रशंसक धनुष ने कहा, मैं पिछले एक दशक से लिख रहा हूं, लेकिन शुरू में मेरा काम अपरिपक्व था। मैंने यह कला विभिन्न निर्देशकों के साथ काम करने के दौरान सीखी। 2010-11 में मैंने लेखन को गंभीरता से लिया और पूरी कथा, पटकथा और संवाद लिखने लगा।

धनुष द्वारा निर्देशित फिल्म ‘पावर पंडी’ ने इस साल बॉक्स ऑफिस पर खूब कामयाबी बटोरी।

अपनी लेखनी के बारे में धनुष ने कहा कि वह असल जीवन से प्रेरणा लेते हैं।

‘वीआईपी 2’ की कुछ आलोचकों द्वारा आलोचना पर धनुष ने कहा, पावार पंडी को श्रोताओं और आलोचकों ने खूब सराहा। जब मैं वो स्वीकार कर सकता हूं तो ‘वीआईपी 2’ को मिलने वाली मिश्रित प्रतिक्रियाएं भी स्वीकार कर सकता हूं। कभी आलोचक सही हो सकते हैं, तो कभी दर्शक भी सही हो सकते हैं।

‘इनाई नोकी पायम ठोटा’, ‘मारी 2’ और ‘वाडा चेन्नई’ जैसे कई प्रोजेक्ट के साथ-साथ धनुष अगले साल आनंद एल.राय के साथ बॉलीवुड में काम करने को लेकर काफी उत्साहित हैं।

2013 में अपनी डेब्यू हिंदी फिल्म ‘रांझना’ के लिए उन्हें बेस्ट डेब्यू का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला था।

बॉलीवुड में अपने काम के बारे में धनुष ने कहा, मैं अपने करियर के बारे में पहले से कुछ तय नहीं करता और चीजों को प्राकृ तिक रूप से घटित होने देता हूं। आप सही समय पर सही जगह, सही लोगों के पास मौजूद होने चाहिए।

धनुष ने अपनी हॉलीवुड फिल्म ‘द एक्सट्राआर्डिनरी जर्नी आफ द फकीर’ के बारे में कहा, मैंने इस फिल्म से पहले हॉलीवुड के तीन प्रोजेक्ट ठुक रा दिए थे। मुझे इस फिल्म की कहानी काफी पसंद आई। मैंने इस फिल्म में एक जादूगर का किरदार निभाया है, यह फिल्म काफी सकारात्मकता फै लाती हैं।

Continue Reading

मनोरंजन

हाईकोर्ट पहुंचे जैकी श्रॉफ, बिना इजाजत ‘भ‍िडू’ बोला तो देना होगा 2 करोड़ जुर्माना

Published

on

Loading

मुंबई। बॉलीवुड के दिग्गज एक्‍टर जैकी श्रॉफ को आपने अक्सर ‘भ‍िडू’ शब्द का प्रयोग करते सुना होगा। कई बार उनसे मुलाकात के दौरान उनके फैंस भी इस शब्द का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन अब अगर आपने आगे से ऐसा किया तो आपको 2 करोड़ रु का जुर्माना देना पड़ सकता है। एक्‍टर ने ‘व्यक्तित्व और प्रचार अधिकारों की सुरक्षा’ के तहत ‘भ‍िडू’ शब्‍द के इस्‍तेमाल पर दिल्‍ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और कई संस्‍थानों के ख‍िलाफ केस किया है।

यह मामला उन संगठनों के खिलाफ दायर किया गया है जो जैकी श्रॉफ का इस्तेमाल उनकी अनुमति के बिना व्यावसायिक लाभ के लिए कर रहे हैं। उम्मीद है कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुनाएगा ताकि अभिनेता के प्रचार अधिकारों की रक्षा की जा सके। मामले को कल 14 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

यह पहली बार नहीं है कि किसी बॉलीवुड अभिनेता ने गोपनीयता और प्रचार अधिकार के लिए अदालत से मदद मांगी है। इससे पहले दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन ने लोगों को अभिनेता की नकल करने और उनकी सहमति के बिना उनकी आवाज का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए मुंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

दूसरी ओर पिछले साल अनिल कपूर ने भी अपने व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। इसके अलावा, इस साल जनवरी में अनिल कपूर ने केस जीत लिया। इसमें उन्होंने ‘झकास’ शब्द वाला तकिया कलाम, अपने नाम, आवाज, बोलने के तरीके, छवि, समानता और हावभाव की सुरक्षा की मांग की थी। उनका कहना था कि इसका प्रयोग न किया जाए।

Continue Reading

Trending