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अन्तर्राष्ट्रीय

सिंगापुर के स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में शामिल होंगे जॉन की

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वेलिंगटन| न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री जॉन की सिंगापुर के स्वतंत्रता दिवस के 50वें साल पूरे होने को लेकर नौ अगस्त को आयोजित होने वाले कार्यक्रम में अपने देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। की ने सोमवार को कहा वह न्यूजीलैंड के सिंगापुर के साथ कूटनीतिक संबंधों के 50 साल पूरे होने को लेकर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।

उन्होंने कहा, “न्यूजीलैंड को सिंगापुर में आयोजित होने वाले इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में शिरकत करने का न्योता मिला है।”

की ने कहा, “एशिया-प्रशांत क्षेत्र में दो छोटे देश होने के नाते हमारी रुचियां समान हैं तथा कई मुद्दे पर साथ काम करना चाहते हैं।”

सिंगापुर, न्यूजीलैंड का मुख्य आर्थिक साझेदार है और यह न्यूजीलैंड से 65.89 करोड़ डॉलर के वस्तुओं का आयात करता है।

की ने कहा कि यह निवेश का मुख्य साधन है और न्यूजीलैंड की कई कंपनियों के क्षेत्रीय केंद्र के रूप में काम करता है।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

गहरी नींद में थे लोग, तभी भूस्खलन से गांव पर आ गिरा पहाड़ का मलबा, 100 से ज्यादा की हुई मौत

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नई दिल्ली। पापुआ न्यू गिनी में शुक्रवार को हुए भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। एबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, भूस्खलन की घटना कथित तौर पर दक्षिण प्रशांत द्वीपीय देश की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में एंगा प्रांत के काओकलाम गांव में घटी। यह हादसा स्थानीय समय के अनुसार तड़के 3 बजे करीब हुआ। इलाके के निवासियों का कहना है कि मृतकों की संख्या 100 से अधिक भी हो सकती है।

यह प्राकृतिक आपदा तब हुई, जब पूरा गांव अलसुबह करीब 3 बजे गहरी नींद में था और पहाड़ का मलबा गांव पर आ गिरा।ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (ABC) की रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि शुक्रवार तड़के पापुआ न्यू गिनी के एक सुदूर गांव में हुए भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। यह इलाका पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किमी उत्तर-पश्चिम में स्थित एंगा प्रांत के काओकालम गांव में हुई है।

स्थानीय लोगों के हवाले से एबीसी ने जानकारी दी है कि इस प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। हालांकि अधिकारियों ने अभी तक मौत के आधिकारिक आँकड़ों की जानकारी नहीं दी है। सोशल मीडिया पर भी इस खौफनाक हादसे के कई वीडियो सामने आए हैं, जिससे बड़ी-बड़ी चट्टानों, पेड़ों और मलबे के नीचे से ग्रामीणों की लाशों को निकालते हुए दिखाया जा रहा है।

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