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अन्तर्राष्ट्रीय

साइबर अपराधों पर चीन  व अमेरिका के बीच तीसरी उच्चस्तरीय वार्ता

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साइबर अपराधों पर चीन  व अमेरिका के बीच तीसरी उच्चस्तरीय वार्ता

बीजिंग । चीन और अमेरिका साइबर अपराध और इससे संबंधित मामलों पर तीसरी उच्चस्तरीय वार्ता इस सप्ताह अमेरिका में आयोजित होगी। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, चीन के स्टेट काउंसलर और सार्वजनिक सुरक्षा के मंत्री गुओ शेंगकुन इस वार्ता में सहअध्यक्ष के तौर पर शामिल होने के लिए मंगलवार को अमेरिका के लिए रवाना होंगे और वहां शुक्रवार तक रहेंगे।

गुओ और अमेरिकी अटार्नी जनरल लोरेटा लिंच और होमलैंड सुरक्षा के सचिव जे जॉनसन की सहअध्यक्षता में साइबर अपराधों पर पहली चीन-अमेरिका उच्चस्तरीय वार्ता पिछले साल दिसंबर में वाशिंगटन में और दूसरी वार्ता इस साल जून में बीजिंग में आयोजित की गई थी।

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कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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