Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

सांप्रदायिक विवाद फैलाने के लिए भाजपा दोषी

Published

on

Loading

श्रीनगर | जम्मू एवं कश्मीर पैंथर्स पार्टी (जेकेएनपीपी) के अध्यक्ष और पूर्व विधायक भीम सिंह ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर गोमांस प्रतिबंध को लेकर सांप्रदायिक उन्माद फैलाने का आरोप लगाया। साथ ही यह भी कहा कि पार्टी ऐसा बिहार चुनाव के मद्देनजर कर रही है। भीम सिंह ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा की भाजपा बिहार चुनाव जीतने के लिए गोमांस प्रतिबंध को लेकर सांप्रदायिक उन्माद फैला रही है। वह अपने पुराने तरीकों पर वापस आ गई है।

जेकेएनपीपी अध्यक्ष से जब गोमांस प्रतिबंध पर उनके विचारों के बारे में पूछा गया तब उन्होंने बताया राज्य में साल 1864 में रणबीर दंड संहिता (आरपीसी) के नाम से एक आपराधिक प्रक्रिया संहिता लागू हुई थी और अगर आप उस कानून का सम्मान करते हैं तो आपको इसका पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि यह अजीब है कि नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस, भाजपा के विधायकों द्वारा निर्दलीय विधायक को पीटे जाने के मामले पर अफसोस जता रहे हैं।

उन्होंने कहा जब मैं साल 1984 में विधायक था तो मुझे और एक अन्य विधायक दिवंगत अब्दुल गनी लोन को घसीटा गया था तथा आलुओं से भरे थैलों की तरह फेंका गया था। उस वक्त राज्य में जी.एम. शाह की सरकार थी, जिसे कांग्रेस ने समर्थन दिया था। जेकेएनपीपी ने राज्य में गोमांस प्रतिबंध का समर्थन करने के लिए शनिवार को जम्मू शहर में बंद का आह्वान किया।

 

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

Published

on

Loading

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

Continue Reading

Trending