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अन्तर्राष्ट्रीय

संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत का सीरिया वार्ता स्थगित करने का आग्रह

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संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत का सीरिया वार्ता स्थगित करने का आग्रह

संयुक्त राष्ट्र । सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत स्टेफेन डी मिस्तुरा ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से जिनेवा में सीरिया शांति वार्ता को 20 फरवरी तक स्थगित करने का आग्रह किया है।

सीरिया की मौजूदा स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बंद कमरे में हुई बैठक के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए मिस्तुरा ने कहा, “मैंने सुरक्षा परिषद से इस बारे में बात की और विचार विमर्श के बाद मैंने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से वार्ता को 20 फरवरी तक स्थगित करने का आग्रह किया।”

जिनेवा में सीरिया वार्ता आठ फरवरी को होने वाली है।

मिस्तुरा ने बताया कि उन्होंने परिषद की बैठक में सीरियाई विपक्षी समूह को वार्ता की तैयारी के लिए अधिक समय देने और शांति वार्ता को हर संभव समावेशी रखने के लिए इसे आगे बढ़ाने की मांग की।

पिछले सप्ताह रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भी सीरिया शांति वार्ता के स्थगित होने की बात कही थी लेकिन उन्होंने विस्तृत जानकारी नहीं दी थी। संयुक्त राष्ट्र ने भी अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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