मनोरंजन
शाहरुख ने ‘जीरो’ में अपने बौने के किरदार से पर्दा उठाया
मुंबई, 1 जनवरी (आईएएनएस)| बॉलीवुड के किंग शाहरुख खान ने 2018 के पहले दिन अपने प्रशंसकों के लिए फिल्म ‘जीरो’ का शीर्षक और टीजर जारी किया। फिल्म में शाहरुख एक बौने का किरदार निभाते दिखाई देंगे। शाहरुख का निर्देशक आनंद एल. राय के साथ यह पहली रचनात्मक साझेदारी है। राय के मुताबिक, यह एक ऐसी कहानी है जो किसी की जिंदगी की खामियों का जश्न मनाती है।
टीजर के शुरू में शाहरुख खान एक लंबे चौड़े आदमी को चुनौती देते हुए पार्टी से इतर नाचते हुए दिखाई दे रहे हैं। टीजर एक डायलॉग के साथ खत्म होता है, जिसमें वह लोगों द्वारा खुद को जीरो बुलाने के बारे में बात कर रहे हैं।
शाहरुख को फिल्म में लेने पर राय ने कहा, मेरे पास कोई विकल्प नहीं था सिवा खान साहब के क्योंकि मुझे एक समझदार अभिनेता की जरूरत थी, जिसके पास खुशी खुशी में सब कुछ कर जाने का रवैया हो।
उन्होंने कहा, यद्यपि फिल्म का नायक एक बौना है, लेकिन किसी व्यक्ति की शारीरिक विकलांगता से ज्यादा, कहानी हमारे जीवन की भावनात्मक अपूर्णता के बारे में बताती है।
फिल्म इस साल 21 दिसंबर को रिलीज होगी। फिल्म में अनुष्का शर्मा और कटरीना कैफ भी भूमिका में होंगी लेकिन टीजर में उनके किरदार के बारे में कुछ भी जाहिर नहीं किया गया है। इन तीनों कलाकार को ‘जब तक है जान’ में एक साथ देखा गया था।
प्रादेशिक
13 साल बाद एक्ट्रेस को मिला इंसाफ, कोर्ट ने हत्यारे बाप को सुनाई फांसी की सजा
मुंबई। एक्ट्रेस लैला खान और उसके पूरे परिवार के हत्यारे सौतेले पिता को मुंबई की सेशन कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में परवेज टाक को लैला, उनकी मां और चार भाई-बहन की हत्या और सबूतों को नष्ट करने का दोषी ठहराया था। यह मामला 13 वर्ष पुराना है। सौतेले पिता ने लैला, उसकी मां व चार भाई-बहनों की हत्या की थी, इसके बाद शवों को फार्म हाउस में गड्ढा खोदकर दफन कर दिया था।
बता दें कि बीते सप्ताह सरकारी वकील पंकज चव्हाण ने दोषी परवेज टाक के लिए मौत की सजा की मांग की थी। उनका कहना था कि इस हत्या को पूरी तरह से प्लान करके किया गया था, जिसमें एक ही परिवार के छह लोगों को बड़ी ही बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया और शवों को ठिकाने लगा दिया गया।
लैला खान हत्याकांड में मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान आरोपी के वकील वहाब खान ने दलील पेश की, जिसमें उन्होंने कम से कम आजीवन कारावास की सजा की मांग की। वकील ने कहा कि कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है और शव उनके कहने पर बरामद किए गए थे। इतना ही नहीं बल्कि दोषी के वकील ने जेल में टाक के अच्छे व्यवहार की ओर इशारा करते हुए कहा कि उसमें सुधार हुआ है और इसलिए उन्होंने इसे भी सजा को कम करने का आधार बताया है। हालांकि कोर्ट ने उनकी एक न सुनी और परवेज टाक को फांसी की सजा सुना दी।
बता दें कि परवेज टाक, लैला का सौतेला पिता है। परवेज ने लैला की मां संग तीसरी शादी की थे। साल 2011 में फरवरी में लैला खान, उनकी मां और चार भाई-बहनों की महाराष्ट्र के नासिक जिले के इगतपुरी स्थित उनके बंगले में हत्या कर दी गई थी। रिपोर्ट्स की मानें तो कहा गया कि संपत्तियों पर बहस के बाद परवेज ने इस घटना को अंजाम दिया था।
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