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मनोरंजन

वोट को लेकर क्यों भड़के वरुण

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बीएमसी चुनाव, लोकसभा, विधानसभा, शिवेसना

मुंबई। अगले पांच साल तक मुंबई पर कौन राज करने वाला है। इस बात का फैसला आज जनता के वोट से हो जाएगा। बीएमसी की 227 सीटों के लिए वोटिंग शुरु हो गई है। मुंबई के लिए यह दिन बेहद अहम है। बीएमसी चुनाव इसलिए भी अहम है क्योंकि इसकी तुलना विधानसभा और लोकसभा चुनावों से की जाती है।

20 सालों से बीएमसी पर एक साथ राज कर रही शिवसेना और बीजेपी इस बार अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं। बीएमसी चुनाव में बॉलीवुड के सितारे भी वोट डालने पंहुच रहे है। श्रद्धा कपूर ने भी चुनाव में मतदान किया वहीं, अनुष्का और रनवीर ने अपनी चुनाव वाली फोटो शेयर की हैं। वहीं, जब वरुण धवन वोट डालने पंहुचे तो वोटर लिस्ट में उनका नाम ही नहीं था।

इस बात का पता जब वरुण को चला तो वह काफी निराश हुए और उन्होंने कहा कि यह तो बहुत अजीब है। बीएमसी के 24 वॉर्ड में कुल 227 कॉरपोरेटर हैं। शिवेसना के पास 89, बीजेपी के पास 32, कांग्रेस के पास 51, एनसीपी के पास 14, एमएनसी के पास 28 और अन्य के पास 13 मुंबई में 7297 बूथ बनाए गए हैं इनमें 726 बूथ संवेदनशील हैं। सुरक्षा व्यवस्था के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं।

40 हजार सुरक्षाकर्मी को लगाया गया है। करीब 40 हजार पुलिसकर्मी और अधिकारियों की फौज लगायी गयी है, एफआरपी की 35 कंपनियां, रायट कंट्रोल पुलिस की 10 टुकडियां और क्यूआरटी की 7 टुकड़ियों की तैनाती की गयी है। चुनाव के लिए मुंबई पुलिस ने एहतियात के सारे कदम उठा लिए है। कुल मिलाकर बीएमसी एक बार फिर तैयार है, देखना ये है कि बीजेपी से अलग होकर भी शिवसेना का दबदबा कायम रहता है, या बीजेपी विधानसभा और लोकसभा की तरह बीएमसी में भी अपनी धाक जमा लेगी।

प्रादेशिक

13 साल बाद एक्ट्रेस को मिला इंसाफ, कोर्ट ने हत्यारे बाप को सुनाई फांसी की सजा

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मुंबई। एक्ट्रेस लैला खान और उसके पूरे परिवार के हत्यारे सौतेले पिता को मुंबई की सेशन कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में परवेज टाक को लैला, उनकी मां और चार भाई-बहन की हत्या और सबूतों को नष्ट करने का दोषी ठहराया था। यह मामला 13 वर्ष पुराना है। सौतेले प‍िता ने लैला, उसकी मां व चार भाई-बहनों की हत्या की थी, इसके बाद शवों को फार्म हाउस में गड्ढा खोदकर दफन कर दिया था।

बता दें कि बीते सप्ताह सरकारी वकील पंकज चव्हाण ने दोषी परवेज टाक के लिए मौत की सजा की मांग की थी। उनका कहना था कि इस हत्या को पूरी तरह से प्लान करके किया गया था, जिसमें एक ही परिवार के छह लोगों को बड़ी ही बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया और शवों को ठिकाने लगा दिया गया।

लैला खान हत्याकांड में मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान आरोपी के वकील वहाब खान ने दलील पेश की, जिसमें उन्होंने कम से कम आजीवन कारावास की सजा की मांग की। वकील ने कहा कि कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है और शव उनके कहने पर बरामद किए गए थे। इतना ही नहीं बल्कि दोषी के वकील ने जेल में टाक के अच्छे व्यवहार की ओर इशारा करते हुए कहा कि उसमें सुधार हुआ है और इसलिए उन्होंने इसे भी सजा को कम करने का आधार बताया है। हालांकि कोर्ट ने उनकी एक न सुनी और परवेज टाक को फांसी की सजा सुना दी।

बता दें कि परवेज टाक, लैला का सौतेला पिता है। परवेज ने लैला की मां संग तीसरी शादी की थे। साल 2011 में फरवरी में लैला खान, उनकी मां और चार भाई-बहनों की महाराष्ट्र के नासिक जिले के इगतपुरी स्थित उनके बंगले में हत्या कर दी गई थी। रिपोर्ट्स की मानें तो कहा गया कि संपत्तियों पर बहस के बाद परवेज ने इस घटना को अंजाम दिया था।

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